यमक अलंकार एक प्रकार का अलंकार है जिसमें एक ही शब्द का दो या दो से अधिक बार प्रयोग किया जाता है, और हर बार उस शब्द का अर्थ अलग-अलग होता है। यह अलंकार शब्दों के विभिन्न अर्थों को उजागर करके कविता में विशेष प्रभाव और गहराई लाने में सहायक होता है। यमक अलंकार के दो प्रमुख भेद होते हैं: अभंग पद यमक, जिसमें एक ही रूप में शब्द का पुनरावृत्ति होती है, और सभंग पद यमक, जिसमें जोड़-तोड़ कर शब्द की आवृत्ति होती है और उसका अर्थ अलग-अलग होता है। इस प्रकार, यमक अलंकार कविता को विविधता और आकर्षण प्रदान करता है।
यमक अलंकार क्या है?
यमक अलंकार संस्कृत साहित्य का एक प्रमुख अलंकार है। इसका उपयोग कविता में समान ध्वनि वाले शब्दों या ध्वनियों की पुनरावृत्ति के लिए किया जाता है। इसे अंग्रेजी में “Pun” या “Repetition” के रूप में भी जाना जा सकता है। यमक अलंकार का मुख्य उद्देश्य कविता में ध्वनि का खेल प्रस्तुत करना और अर्थ को विशेष रूप से गहराई देना होता है। इसमें किसी शब्द या ध्वनि की पुनरावृत्ति कविता की सुंदरता और संगीतता को बढ़ा देती है।
उदाहरण के लिए: “गगन में चमकते तारे, नहर में चमकती धारा।”
यमक अलंकार की परिभाषा
यमक अलंकार वह अलंकार है जिसमें एक ही शब्द की पुनरावृत्ति होती है, लेकिन प्रत्येक बार उस शब्द का अर्थ अलग-अलग होता है। इस अलंकार का उपयोग कविता में अर्थ की गहराई और बहुविध अर्थों को उजागर करने के लिए किया जाता है।
उदाहरण स्वरूप, “कनक-कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय।” इस वाक्य में “कनक” शब्द का एक अर्थ सोना (धातु) है और दूसरा अर्थ धतूरा (पौधा) है। इसी तरह, “खाए बौराय जग, या पाए बौराय।” में “बौराय” शब्द का एक अर्थ मदहोशी (विकार) है और दूसरा अर्थ फल (मधु) है।
यमक अलंकार के भेद
आपने यमक अलंकार के भेद सही तरीके से बताया है। यहाँ इन भेदों का संक्षिप्त विवरण है:
अभंग पद यमक:
परिभाषा: जब एक ही शब्द को बिना किसी परिवर्तन के, एक ही रूप में बार-बार उपयोग किया जाता है, लेकिन हर बार उसका अर्थ अलग होता है, तो इसे अभंग पद यमक कहते हैं।
उदाहरण: “कनक-कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय।” यहाँ “कनक” शब्द का एक अर्थ सोना और दूसरा अर्थ धतूरा है।
सभंग पद यमक:
परिभाषा: जब किसी शब्द को जोड़-तोड़ कर, उसे विभिन्न रूपों में पुनरावृत्त किया जाता है, और हर रूप का अर्थ अलग होता है या निरर्थक होता है, तो इसे सभंग पद यमक कहते हैं।
उदाहरण: “शिव शिव शिव, शिवम शिव शिवाय” यहाँ “शिव” शब्द का अलग-अलग रूप और अर्थ हैं।
Yamak Alankar के 20 उदाहरण मीनिंग सहित
उदाहरण | अर्थ |
कनक-कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय। | “कनक” (सोना) और “कनक” (धतूरा) का दोहरा प्रयोग। |
रूप रँग के मन भाए, हाय! साँचो हाय! | “हाय” शब्द का एक अर्थ दुःख और दूसरा आश्चर्य। |
नहीं मरेरे मरे, रिझाए मरे। | “मरे” शब्द का एक अर्थ मरना और दूसरा किसी को प्रभावित करना। |
मधु – मधु – मधु – शिबि शिबि, अरे तेरे मधुना। | “मधु” शब्द का अर्थ शहद और मधु (प्यारा)। |
रात का चाँद चाँद, चमक चमक चाँद। | “चाँद” का एक अर्थ चाँदनी रात और दूसरा चमकदार वस्तु। |
सागर में सागर की सागरता, सागर का क्या हाल? | “सागर” शब्द का एक अर्थ समुद्र और दूसरा उसकी विशालता। |
मुला के हर जगह चमक, चटक मुला। | “मुला” शब्द का एक अर्थ जड़ी-बूटी और दूसरा चमकदार वस्तु। |
नील नील की नीली नीली, नील की नीली बात। | “नील” का एक अर्थ नीला रंग और दूसरा नीली वस्तु। |
पानी-पानी से पानी, पानी का पानी। | “पानी” शब्द का एक अर्थ तरल और दूसरा जल (जल से संबंधित)। |
साधु साधु की साधुता, साधु का बड़प्पन। | “साधु” का एक अर्थ धार्मिक व्यक्ति और दूसरा उसका गुण। |
धूप धूप से धूप, धूप का ताप। | “धूप” का एक अर्थ सूर्य की रौशनी और दूसरा उसका प्रभाव। |
धार धार की धार धार, धार की धारता। | “धार” का एक अर्थ धारणा और दूसरा प्रवाह। |
सुख सुख के सुख, सुख की सुखदता। | “सुख” का एक अर्थ खुशी और दूसरा सुखदता। |
कृष्ण कृष्ण की कृष्णता, कृष्ण का सुंदर रूप। | “कृष्ण” का एक अर्थ भगवान कृष्ण और दूसरा उनका रूप। |
मधुर मधुर की मधुरता, मधुर का मीठापन। | “मधुर” का एक अर्थ मीठा और दूसरा मिठास। |
पल पल की पल-पल, पल का हर पल। | “पल” का एक अर्थ समय की इकाई और दूसरा एक विशेष क्षण। |
दिव्य दिव्य की दिव्यता, दिव्य का चमक। | “दिव्य” का एक अर्थ पवित्र और दूसरा चमकदार। |
कला कला की कला, कला की कला। | “कला” का एक अर्थ कला (विज्ञान) और दूसरा रचनात्मकता। |
संग-संग की संगति, संग की संगति। | “संग” का एक अर्थ साथ और दूसरा संगति। |
लक्ष लक्ष की लक्ष, लक्ष का लक्ष्य। | “लक्ष” का एक अर्थ लक्ष्य और दूसरा निशाना। |
यमक अलंकार से जुड़े प्रश्न-उत्तर
प्रश्न | उत्तर |
यमक अलंकार क्या है? | यमक अलंकार वह अलंकार है जिसमें एक ही शब्द की पुनरावृत्ति होती है, लेकिन हर बार उसका अर्थ अलग-अलग होता है। |
यमक अलंकार के कितने भेद होते हैं? | यमक अलंकार के दो भेद होते हैं: अभंग पद यमक और सभंग पद यमक। |
अभंग पद यमक क्या है? | अभंग पद यमक तब होता है जब एक शब्द को बिना तोड़े, एक ही रूप में कई बार अलग-अलग अर्थों में प्रयोग किया जाता है। |
सभंग पद यमक क्या है? | सभंग पद यमक तब होता है जब शब्द को जोड़-तोड़ कर, एक जैसे वर्ण समूह की आवृत्ति की जाती है और उसे विभिन्न अर्थों में प्रयोग किया जाता है। |
यमक अलंकार का उपयोग किस लिए किया जाता है? | यमक अलंकार का उपयोग कविता में ध्वनि का खेल प्रस्तुत करने और अर्थ को विशेष रूप से गहराई देने के लिए किया जाता है। |
यमक अलंकार की विशेषता क्या है? | यमक अलंकार की विशेषता शब्द की पुनरावृत्ति और अर्थ की विविधता है, जो कविता को संगीतात्मक और अर्थपूर्ण बनाता है। |
“कनक-कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है? | यह अभंग पद यमक का उदाहरण है क्योंकि “कनक” शब्द का एक अर्थ सोना और दूसरा धतूरा है। |
8. “पानी-पानी से पानी, पानी का पानी।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है? | यह सभंग पद यमक का उदाहरण है क्योंकि “पानी” शब्द के विभिन्न रूपों को जोड़-तोड़ कर अलग-अलग अर्थ प्रस्तुत किए गए हैं। |
यमक अलंकार का महत्व क्या है? | यमक अलंकार का महत्व कविता में अर्थ और संगीतता को बढ़ाने में है, जो पाठक को भावनात्मक और बौद्धिक आनंद प्रदान करता है। |
“सुख सुख के सुख, सुख की सुखदता।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है? | यह अभंग पद यमक का उदाहरण है, जिसमें “सुख” शब्द के एक अर्थ खुशी और दूसरे का सुखदता है। |
यमक अलंकार का सबसे अच्छा उदाहरण कौन सा है? | उदाहरण “मधु – मधु – मधु – शिबि शिबि, अरे तेरे मधुना।” है, जिसमें “मधु” शब्द का एक अर्थ शहद और दूसरा मधु (प्यारा) है। |
“शिव शिव शिव, शिवम शिव शिवाय” में यमक अलंकार किस प्रकार का है? | यह उदाहरण सभंग पद यमक का है, जिसमें “शिव” शब्द के विभिन्न अर्थ और रूप हैं। |
“रात का चाँद चाँद, चमक चमक चाँद।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है? | यह अभंग पद यमक का उदाहरण है क्योंकि “चाँद” शब्द का एक अर्थ चाँदनी रात और दूसरा चमकदार वस्तु है। |
यमक अलंकार का उद्देश्य क्या है? | यमक अलंकार का उद्देश्य कविता में ध्वनि और अर्थ का खेल प्रस्तुत करना और उसकी भावनात्मक प्रभाव को बढ़ाना है। |
“सागर में सागर की सागरता, सागर का क्या हाल?” में यमक अलंकार किस प्रकार का है? | यह उदाहरण अभंग पद यमक का है, जिसमें “सागर” शब्द का एक अर्थ समुद्र और दूसरा उसकी विशालता है। |
“कृष्ण कृष्ण की कृष्णता, कृष्ण का सुंदर रूप।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है? | यह अभंग पद यमक का उदाहरण है, जिसमें “कृष्ण” शब्द का एक अर्थ भगवान कृष्ण और दूसरा उनका रूप है। |
“मुला के हर जगह चमक, चटक मुला।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है? | यह अभंग पद यमक का उदाहरण है, जिसमें “मुला” शब्द का एक अर्थ जड़ी-बूटी और दूसरा चमकदार वस्तु है। |
“नील नील की नीली नीली, नील की नीली बात।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है? | यह अभंग पद यमक का उदाहरण है, जिसमें “नील” शब्द का एक अर्थ नीला रंग और दूसरा नीली वस्तु है। |
“धूप धूप से धूप, धूप का ताप।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है? | यह सभंग पद यमक का उदाहरण है, जिसमें “धूप” शब्द के विभिन्न रूपों को जोड़-तोड़ कर अर्थ प्रस्तुत किए गए हैं। |
“साधु साधु की साधुता, साधु का बड़प्पन।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है? | यह अभंग पद यमक का उदाहरण है, जिसमें “साधु” शब्द का एक अर्थ धार्मिक व्यक्ति और दूसरा उसका गुण है। |
“धार धार की धार धार, धार की धारता।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है? | यह अभंग पद यमक का उदाहरण है, जिसमें “धार” शब्द का एक अर्थ धारणा और दूसरा प्रवाह है। |
“मधुर मधुर की मधुरता, मधुर का मीठापन।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है? | यह अभंग पद यमक का उदाहरण है, जिसमें “मधुर” शब्द का एक अर्थ मीठा और दूसरा मिठास है। |
“पल पल की पल-पल, पल का हर पल।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है? | यह अभंग पद यमक का उदाहरण है, जिसमें “पल” शब्द का एक अर्थ समय की इकाई और दूसरा एक विशेष क्षण है। |
“दिव्य दिव्य की दिव्यता, दिव्य का चमक।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है? | यह अभंग पद यमक का उदाहरण है, जिसमें “दिव्य” शब्द का एक अर्थ पवित्र और दूसरा चमकदार है। |
“कला कला की कला, कला की कला।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है? | यह सभंग पद यमक का उदाहरण है, जिसमें “कला” शब्द को जोड़-तोड़ कर विभिन्न अर्थ प्रस्तुत किए गए हैं। |
“संग-संग की संगति, संग की संगति।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है? | यह अभंग पद यमक का उदाहरण है, जिसमें “संग” शब्द का एक अर्थ साथ और दूसरा संगति है। |
“लक्ष लक्ष की लक्ष, लक्ष का लक्ष्य।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है? | यह अभंग पद यमक का उदाहरण है, जिसमें “लक्ष” शब्द का एक अर्थ लक्ष्य और दूसरा निशाना है। |
यमक अलंकार का इतिहास क्या है? | यमक अलंकार का इतिहास संस्कृत काव्यशास्त्र में बहुत पुराना है, और इसे प्राचीन भारतीय काव्य और साहित्य में महत्वपूर्ण माना गया है। |
मक अलंकार के अन्य नाम क्या हैं? | यमक अलंकार को कभी-कभी “Pun” या “Repetition” के रूप में भी जाना जाता है। |
“दिव्य दिव्य की दिव्यता, दिव्य का चमक।” में यमक अलंकार का उपयोग क्यों किया गया है? | यह अभंग पद यमक का उपयोग दिव्य के विभिन्न अर्थों को उजागर करने और कविता को विशेष अर्थपूर्ण बनाने के लिए किया गया है। |
यमक अलंकार से जुड़े MCQs
यमक अलंकार किस प्रकार का अलंकार है?
A) वर्ण अलंकार
B) अर्थ अलंकार
C) ध्वनि अलंकार
D) रस अलंकार
उत्तर: B) अर्थ अलंकार
यमक अलंकार के कितने भेद होते हैं?
A) 1
B) 2
C) 3
D) 4
उत्तर: B) 2
अभंग पद यमक किस प्रकार का यमक होता है?
A) जोड़-तोड़ कर शब्दों का प्रयोग
B) बिना तोड़े शब्द का पुनरावृत्ति
C) दोनों
D) कोई नहीं
उत्तर: B) बिना तोड़े शब्द का पुनरावृत्ति
“कनक-कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है?
A) अभंग पद यमक
B) सभंग पद यमक
C) ध्वनि यमक
D) रस यमक
उत्तर: A) अभंग पद यमक
“सुख सुख के सुख, सुख की सुखदता।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है?
A) अभंग पद यमक
B) सभंग पद यमक
C) वर्ण यमक
D) ध्वनि यमक
उत्तर: A) अभंग पद यमक
“पानी-पानी से पानी, पानी का पानी।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है?
A) अभंग पद यमक
B) सभंग पद यमक
C) ध्वनि यमक
D) रस यमक
उत्तर: B) सभंग पद यमक
यमक अलंकार का उपयोग किस लिए किया जाता है?
A) ध्वनि और अर्थ का खेल
B) केवल अर्थ को स्पष्ट करने
C) केवल ध्वनि को सुंदर बनाने
D) कोई नहीं
उत्तर: A) ध्वनि और अर्थ का खेल
“सागर में सागर की सागरता, सागर का क्या हाल?” में यमक अलंकार का उद्देश्य क्या है?
A) सागर के विभिन्न अर्थ और उसकी विशालता को प्रस्तुत करना
B) केवल सागर के आकार को बताना
C) कोई नहीं
D) केवल ध्वनि की सुंदरता
उत्तर: A) सागर के विभिन्न अर्थ और उसकी विशालता को प्रस्तुत करना
यमक अलंकार के सबसे अच्छे उदाहरण में क्या होता है?
A) अर्थ की विविधता
B) ध्वनि की पुनरावृत्ति
C) शब्द का खेल
D) कोई नहीं
उत्तर: A) अर्थ की विविधता
यमक अलंकार का उपयोग किस प्रकार की कविता में अधिक होता है?
A) आधुनिक कविता
B) प्राचीन कविता
C) दोनों
D) कोई नहीं
उत्तर: B) प्राचीन कविता
यमक अलंकार का एक और नाम क्या है?
A) Repetition
B) Alliteration
C) Simile
D) Metaphor
उत्तर: A) Repetition
“कृष्ण कृष्ण की कृष्णता, कृष्ण का सुंदर रूप।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है?
A) अभंग पद यमक
B) सभंग पद यमक
C) ध्वनि यमक
D) रस यमक
उत्तर: A) अभंग पद यमक
“नील नील की नीली नीली, नील की नीली बात।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है?
A) अभंग पद यमक
B) सभंग पद यमक
C) ध्वनि यमक
D) रस यमक
उत्तर: A) अभंग पद यमक
“साधु साधु की साधुता, साधु का बड़प्पन।” में यमक अलंकार का प्रकार क्या है?
A) अभंग पद यमक
B) सभंग पद यमक
C) ध्वनि यमक
D) रस यमक
उत्तर: A) अभंग पद यमक
“धार धार की धार धार, धार की धारता।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है?
A) अभंग पद यमक
B) सभंग पद यमक
C) ध्वनि यमक
D) रस यमक
उत्तर: A) अभंग पद यमक
“मुला के हर जगह चमक, चटक मुला।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है?
A) अभंग पद यमक
B) सभंग पद यमक
C) ध्वनि यमक
D) रस यमक
उत्तर: A) अभंग पद यमक
“कला कला की कला, कला की कला।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है?
A) अभंग पद यमक
B) सभंग पद यमक
C) ध्वनि यमक
D) रस यमक
उत्तर: B) सभंग पद यमक
“संग-संग की संगति, संग की संगति।” में यमक अलंकार का उद्देश्य क्या है?
A) शब्दों की पुनरावृत्ति
B) अर्थ की विविधता
C) ध्वनि की सुंदरता
D) कोई नहीं
उत्तर: B) अर्थ की विविधता
यमक अलंकार का एक उदाहरण कौन सा है?
A) “साधु साधु का साधुता, साधु की सच्चाई।”
B) “शिव शिव की शिवता, शिव का स्वरूप।”
C) दोनों
D) कोई नहीं
उत्तर: C) दोनों
“लक्ष लक्ष की लक्ष, लक्ष का लक्ष्य।” में यमक अलंकार का प्रकार क्या है?
A) अभंग पद यमक
B) सभंग पद यमक
C) ध्वनि यमक
D) रस यमक
उत्तर: A) अभंग पद यमक
आशा है कि आपको यह ब्लॉग “Yamak Alankar” पसंद आया होगा। यदि आप कोट्स पर और ब्लॉग्स पढ़ना चाहते हैं, तो iaspaper के साथ जुड़े रहें।
FAQs
यमक अलंकार क्या है?
यमक अलंकार वह अलंकार है जिसमें किसी एक शब्द का बार-बार प्रयोग होता है, लेकिन हर बार उस शब्द का अर्थ अलग-अलग होता है।
यमक अलंकार के कितने प्रकार होते हैं?
यमक अलंकार के दो प्रमुख प्रकार होते हैं: अभंग पद यमक और सभंग पद यमक।
अभंग पद यमक क्या है?
अभंग पद यमक तब होता है जब एक ही शब्द को बिना तोड़े कई बार अलग-अलग अर्थों में प्रयोग किया जाता है।
सभंग पद यमक क्या है?
सभंग पद यमक तब होता है जब एक जैसे वर्ण समूह (शब्द) को जोड़-तोड़ कर अलग-अलग अर्थों में प्रयोग किया जाता है या निरर्थक होता है।
यमक अलंकार का उद्देश्य क्या है?
यमक अलंकार का उद्देश्य कविता में ध्वनि और अर्थ का खेल खेलना होता है, जिससे कविता में विशेष अर्थ और सुंदरता का संचार होता है।
यमक अलंकार का सबसे अच्छा उदाहरण क्या है?
“कनक-कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय।” इसमें ‘कनक’ शब्द का दो बार प्रयोग हुआ है, लेकिन एक बार इसका अर्थ सोना है और दूसरी बार धतूरा।
यमक अलंकार का उपयोग किस प्रकार की कविता में अधिक होता है?
यमक अलंकार का उपयोग विशेष रूप से प्राचीन कविता में अधिक होता है, लेकिन यह आधुनिक कविता में भी प्रयोग किया जा सकता है।
क्या यमक अलंकार में शब्दों की पुनरावृत्ति अनिवार्य है?
हाँ, यमक अलंकार में एक ही शब्द की पुनरावृत्ति अनिवार्य होती है, लेकिन हर बार उस शब्द का अर्थ अलग-अलग होता है।
“सुख-सुख के सुख, सुख की सुखदता।” में यमक अलंकार किस प्रकार का है?
यह अभंग पद यमक का उदाहरण है, जिसमें ‘सुख’ शब्द को विभिन्न अर्थों में प्रयोग किया गया है।
यमक अलंकार की विशेषता क्या होती है?
यमक अलंकार की विशेषता होती है कि यह शब्दों के विभिन्न अर्थों के माध्यम से कविता में विभिन्नता और गहराई लाता है, जिससे कविता में विशेष प्रभाव उत्पन्न होता है।