वाच्य क्रिया के उस परिवर्तन को कहा जाता है जिसके माध्यम से यह पता चलता है कि वाक्य में कर्ता, कर्म, या भाव में से किसकी प्रधानता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि वाक्य में इस्तेमाल की गई क्रिया के लिंग, वचन, और पुरुष किसके अनुसार निर्धारित किए गए हैं। वाच्य के अध्ययन से वाक्य की संरचना और अर्थ को बेहतर समझा जा सकता है।
वाच्य की परिभाषा
वाच्य क्रिया के उस रूपांतर को कहते हैं, जिससे कर्ता, कर्म और भाव के अनुसार क्रिया के परिवर्तन ज्ञात होते हैं। क्रिया के जिस रूप से यह जाना जाए कि वाक्य में क्रिया का मुख्य संबंध कर्ता, कर्म या भाव से है, वह वाच्य कहलाता है।
वाच्य का अर्थ
वाच्य का शाब्दिक अर्थ है “वाणी” या “कथन”। यहाँ वाणी का तात्पर्य वक्ता की वाणी या वक्ता के कथन से है। वस्तुतः, वाच्य किसी एक बात को विभिन्न अर्थों के साथ कहने का तरीका होता है। इस प्रकार से कहे गए वाक्यों या कथनों की संरचना अलग-अलग होती है।
वाच्य के विभिन्न प्रकार, जैसे कि कर्तरि वाच्य (Active Voice), कर्मणि वाच्य (Passive Voice), और भाव वाच्य (Impersonal Voice), वाक्य में क्रिया के संबंध को प्रकट करने का तरीका निर्धारित करते हैं। प्रत्येक प्रकार वाक्य के अर्थ और उसकी संरचना को प्रभावित करता है।
वाच्य के भेद
वाच्य के प्रमुख तीन भेद निम्नलिखित हैं:
- कर्तरि वाच्य (Active Voice)
- कर्मणि वाच्य (Passive Voice)
- भाव वाच्य (Impersonal Voice)
कर्तृवाच्य
कर्तृवाच्य (Active Voice) वह वाच्य है जिसमें कर्ता मुख्य भूमिका में होता है और क्रिया कर्ता के लिंग, वचन, और पुरूष के अनुसार परिवर्तित होती है। इस वाच्य में क्रिया कर्ता द्वारा की जाती है और वाक्य में कर्ता की पहचान स्पष्ट रूप से होती है।
उदाहरण:
- सीता फूलों को पानी देती है।
- बच्चे मैदान में खेल रहे हैं।
- शिक्षक पाठ समझा रहे हैं।
- पिता समाचार पत्र पढ़ रहे हैं।
- रीना स्कूल जा रही है।
- दोस्त फिल्म देखने गए।
यहाँ “सीता” कर्ता है, और “पानी देती है” क्रिया कर्ता के लिंग, वचन और पुरूष के अनुसार है।
कर्मवाच्य
कर्मवाच्य (Passive Voice) वह वाच्य है जिसमें कर्म मुख्य होता है और क्रिया कर्म के लिंग, वचन, और पुरूष के अनुसार परिवर्तित होती है। इस वाच्य में क्रिया का मुख्य संबंध कर्म से होता है, जबकि कर्ता की भूमिका गौण होती है या उसे स्पष्ट रूप से नहीं दर्शाया जाता।
उदाहरण:
- भोजन तैयार किया गया।
- छात्राओं द्वारा पाठ याद किया जा रहा है।
- मेरे द्वारा घर साफ़ किया गया।
- माली द्वारा पौधे लगाए जा रहे हैं।
- बच्चों द्वारा खेल खेला जा रहा है।
- अध्यापक द्वारा प्रश्न पूछे गए।
यहाँ “भोजन” कर्म है, और “तैयार किया गया” क्रिया कर्म के लिंग, वचन और पुरूष के अनुसार है।
भाववाच्य
भाववाच्य (Impersonal Voice) वह वाच्य है जिसमें वाक्य में किसी कर्ता या कर्म का स्पष्ट उल्लेख नहीं होता, बल्कि क्रिया का भाव मुख्य होता है। इसमें क्रिया का मुख्य संबंध भाव से होता है और कर्ता की उपस्थिति गौण या अप्रकट होती है।
उदाहरण:
- मुझसे इतना दूर नहीं चला जाता।
- तुमसे इतना काम नहीं किया जाता।
- बच्चों से चुप नहीं बैठा जाता।
- उससे तेज़ नहीं दौड़ा जाता।
- हमसे इतनी देर तक नहीं खड़ा रहा जाता।
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य
कर्तृवाच्य: से कर्मवाच्य: के बीच मुख्य अंतर नीचे दिए गए हैं-
कर्तृवाच्य
- लड़कियाँ स्कूल जा रही हैं।
- मैं कहानी लिख रहा हूँ।
- ममता ने खाना बनाया।
- लता नृत्य करेगी।
- धर्मवीर दौड़ लगाएगा।
- तुम किताब पढ़ोगे।
- नौकर पानी लाएगा।
कर्मवाच्य
- बच्चों द्वारा खेल खेला जा रहा है।
- मेरे द्वारा पत्र लिखा जा रहा है।
- पुस्तक से ज्ञान प्राप्त किया गया।
- गीत से गाया जाएगा।
- चित्रों से सजाया जाएगा।
- घर से कचरा उठाया जाएगा।
- वस्त्रों द्वारा धुलाई की जाएगी।
कर्तृवाच्य से भाववाच्य
कर्तृवाच्य: से भाववाच्य: में मुख्य अंतर नीचे दिए गए हैं-
कर्तृवाच्य
- राम स्कूल जाता है।
- मैं रोज सुबह उठता हूँ।
- सुमन खाना बनाती है।
- बच्चे खेल रहे हैं।
- पंकज गाना गाता है।
- शीला चित्रकारी करती है।
- मोहन किताब पढ़ता है
भाववाच्य
- मुझसे खाना नहीं खाया जाता।
- बच्चों से चुप नहीं बैठा जाता।
- तुमसे गाना नहीं गाया जाता।
- माली से पौधे नहीं सीचे जाते।
- पंखे से हवा नहीं आती।
- कक्षाओं से अध्ययन नहीं किया जाता।
- घर से शोर नहीं सहा जाता।
कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य
कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य में मुख्य अंतर नीचे दिए गए हैं-
कर्मवाच्य
- बच्चों से कविता सुनाई जाएगी।
- शिक्षक द्वारा पाठ पढ़ाया जाता है।
- चित्रकार से चित्र बनाए जाते हैं।
- रसोईया द्वारा खाना पकाया गया।
- गरीबों में कपड़े वितरित किए गए।
कर्तृवाच्य
- छात्र प्रश्न पूछेगा।
- डॉक्टर मरीजों का इलाज करता है।
- लेखक उपन्यास लिखता है।
- शिक्षक पाठ पढ़ाता है।
- समाजसेवी गरीबों की सहायता करता है।
भाववाच्य से कर्तृवाच्य
भाववाच्य से कर्तृवाच्य में मुख्य अंतर इस प्रकार हैं:
भाववाच्य
- मुझसे इतना काम नहीं किया जाता।
- बच्चों से चुप नहीं रहा जाता।
- उसे अधिक समय नहीं दिया जाता।
- सभी से शोर बर्दाश्त नहीं होता।
- किताबों से कुछ समझा नहीं जाता।
कर्तृवाच्य
- बच्चा खेलता है।
- हम काम करते हैं।
- हनी गाना गाता है।
- वह घर आता है।
- सरिता बागवानी करती है।
कर्मवाच्य और भाव वाच्य में अंतर
कर्मवाच्य और भाववाच्य दोनों ही अकर्तृवाच्य के भेद हैं, लेकिन इनमें मुख्य अंतर निम्नलिखित बिंदुओं पर आधारित है:
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाने के लिए निम्नलिखित कार्य करने चाहिए:
- कर्तृवाच्य के साथ लगी विभक्ति हटा दी जाती है और कर्ता कारक में करण कारक के चिह्न ‘से’ या ‘के द्वारा’ का प्रयोग करना चाहिए।
- कर्तृवाच्य की मुख्य क्रिया को सामान्य भूतकाल की क्रिया में बदला जाता है और ‘जाना’ क्रिया के उचित रूप का प्रयोग किया जाता है।
- कर्म के साथ कोई परसर्ग हो तो उसे हटा दिया जाता है।
- कर्म को चिह्न-रहित करना चाहिए।
- क्रिया को कर्म के लिंग-वचन-पुरुष के अनुसार रखना चाहिए अर्थात कर्म प्रधान बनाना चाहिए।
कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य में रूपांतरण
कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य बनाने के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:
- भूतकाल की सकर्मक क्रिया रहने पर कर्म के लिंग, वचन के अनुसार क्रिया को रखना चाहिए।
- कर्त्ता के अपने चिह्न (०, ने) आवश्यकतानुसार लगाना चाहिए।
- यदि वाक्य की क्रिया वर्तमान एवं भविष्यत् की है तो कर्ता अनुसार क्रिया की रूप रचना रखनी चाहिए।
कर्तृवाच्य से भाववाच्य
- क्रिया के साथ ‘से’ विभक्ति चिह्न लगाया जाता है।
- क्रिया को सामान्य भूत काल में लाकर उसके साथ काल के अनुसार ‘जाना’ क्रिया रूप जोड़ा जाता है।
- कर्त्ता के साथ ‘से/द्वारा’ चिह्न लगाकर उसे गौण किया जाता है।
- मुख्य क्रिया को सामान्य क्रिया एवं अन्य पुरुष पुल्लिंग एकवचन में स्वतंत्र रूप में रखा जाता है।
- भाववाच्य में प्रायः अकर्मक क्रियाओं का ही प्रयोग होता है।
- क्रिया को एकवचन, पुल्लिंग और अन्य पुरुष में परिवर्तित कर दिया जाता है।
- हिंदी में निषेधात्मक भाववाच्य का ही प्रचलन अधिक है। अन्य भाववाच्य प्रचलन के ही बराबर हैं।
क्रिया के प्रयोग
क्रिया के प्रयोग पर आधारित विस्तार से जानकारी निम्नलिखित है:
कर्तृ प्रयोग (Agentive Use)
इस प्रयोग में क्रिया का लिंग, वचन, और पुरुष कर्त्ता के अनुसार होते हैं। यहाँ क्रिया का मुख्य ध्यान कर्ता पर होता है और कर्ता की पहचान स्पष्ट होती है।
उदाहरण:
- श्याम किताब पढ़ेगा। (यहाँ ‘श्याम’ कर्ता है, और क्रिया ‘पढ़ेगा’ कर्ता के अनुसार बदली गई है।)
- चतुर्वेदी खत लिखता है।
- सुशीला फूल तोड़ेगी।
- रागिनी गीत गा रही है।
कर्मणि प्रयोग (Objective Use)
इस प्रयोग में क्रिया का लिंग, वचन, और पुरुष कर्म के अनुसार होते हैं। कर्ता और कर्म के बीच संबंध को स्पष्ट किया जाता है।
उदाहरण:
- श्याम को किताब पढ़नी पड़ेगी। (यहाँ ‘श्याम’ कर्म है, और क्रिया ‘पढ़नी पड़ेगी’ कर्म के अनुसार बदली गई है।)
- सुरेश ने पुस्तक पढ़ी।
- सुशीला ने फूल तोड़ा।
- सौम्या फोटोग्राफी करती है।
भावे प्रयोग (Impersonal Use)
इस प्रयोग में क्रिया का लिंग, वचन, और पुरुष कर्ता या कर्म के अनुसार नहीं होते। यहाँ क्रिया का मुख्य ध्यान भाव पर होता है और क्रिया सामान्यतः अन्य पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन में होती है। भाववाच्य की सभी क्रियाएँ इस प्रयोग में आती हैं।
उदाहरण:
- श्याम से अब पढ़ा नहीं जाएगा। (यहाँ ‘श्याम’ के भाव पर ध्यान केंद्रित है, और क्रिया ‘पढ़ा नहीं जाएगा’ भाववाच्य के अनुसार है।)
- मयंक खुद को बहुत स्मार्ट समझ रहा था।
- मुकुल ने गाड़ी का बीमा नहीं करवाया।
- प्रशांत स्पीकर पर गाने सुनता है।
Vachya महत्त्वपूर्ण MCQs
कर्मवाच्य वाक्य में क्रिया का संबंध किससे होता है?
A) कर्ता
B) कर्म
C) भाव
D) किसी से नहीं
सही उत्तर: B) कर्म
भाववाच्य वाक्य में क्रिया किस प्रकार की होती है?
A) सकर्मक
B) अकर्मक
C) दोनों
D) कोई नहीं
सही उत्तर: B) अकर्मक
निम्नलिखित में से कौन सा वाक्य कर्तृवाच्य का उदाहरण है?
A) खाना खाया गया।
B) गाड़ी धोई गई।
C) सूरज चमक रहा है।
D) सब्ज़ी काटी जा रही है।
सही उत्तर: C) सूरज चमक रहा है।
कर्मवाच्य वाक्य में कर्ता की उपस्थिति कैसे होती है?
A) स्पष्ट रूप से
B) अप्रत्यक्ष रूप से
C) गौण
D) नहीं होती
सही उत्तर: B) अप्रत्यक्ष रूप से
“खाना खाया गया” वाक्य में कौन सा वाच्य है?
A) कर्तृवाच्य
B) कर्मवाच्य
C) भाववाच्य
D) वाच्य नहीं
सही उत्तर: B) कर्मवाच्य
कौन सा वाक्य भाववाच्य का उदाहरण है?
A) बच्चों ने चित्र बनाए।
B) वह गाना गा रहा है।
C) पुस्तक पढ़ी जाती है।
D) ताजा फूल लाए गए।
सही उत्तर: C) पुस्तक पढ़ी जाती है।
“नौकर द्वारा चाय लाए जाने की तैयारी की गई।” वाक्य में कौन सा वाच्य है?
A) कर्तृवाच्य
B) कर्मवाच्य
C) भाववाच्य
D) वाच्य नहीं
सही उत्तर: B) कर्मवाच्य
“हमसे हँसा नहीं जाता” वाक्य में क्रिया का कौन सा भाव व्यक्त होता है?
A) कर्तृवाच्य
B) कर्मवाच्य
C) भाववाच्य
D) वाच्य नहीं
सही उत्तर: C) भाववाच्य
“सतीश ने गाना गाया” वाक्य का वाच्य क्या है?
A) कर्तृवाच्य
B) कर्मवाच्य
C) भाववाच्य
D) वाच्य नहीं
सही उत्तर: A) कर्तृवाच्य
कर्मवाच्य वाक्य में क्रिया का ध्यान किस पर होता है?
A) कर्ता
B) कर्म
C) भाव
D) वचन
सही उत्तर: B) कर्म
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FAQs
वाच्य क्या होता है?
वाच्य वह क्रिया रूप है जो बताता है कि वाक्य में कर्ता, कर्म या भाव में से किसकी प्रधानता है।
वाच्य के कितने प्रकार होते हैं?
वाच्य के तीन मुख्य प्रकार होते हैं: कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य और भाववाच्य।
कर्तृवाच्य क्या है?
कर्तृवाच्य वह वाक्य है जिसमें कर्ता का मुख्य योगदान होता है, और क्रिया कर्ता के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार होती है।
कर्मवाच्य की विशेषताएँ क्या हैं?
कर्मवाच्य में कर्म का मुख्य योगदान होता है, और इसमें सकर्मक क्रिया का प्रयोग होता है।
भाववाच्य का उपयोग कब किया जाता है?
भाववाच्य का उपयोग तब किया जाता है जब अकर्मक क्रिया का भाव मुख्य होता है।
वाच्य के उदाहरण क्या हैं?
कर्तृवाच्य: “राम दौड़ता है।”, कर्मवाच्य: “राम से किताब पढ़ाई जाती है।”, भाववाच्य: “राम से दौड़ा जाता है।”
वाच्य का उपयोग क्यों महत्वपूर्ण है?
वाच्य का उपयोग वाक्य की स्पष्टता और संप्रेषणीयता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।
वाच्य में क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष का क्या महत्व है?
क्रिया का लिंग, वचन और पुरुष वाक्य की संपूर्णता और अर्थ को प्रभावित करते हैं।
वाच्य में विभक्ति चिह्नों का क्या कार्य है?
विभक्ति चिह्न यह दर्शाते हैं कि वाक्य में कौन सा तत्व प्रमुख है, जैसे कर्ता या कर्म।
क्या वाच्य केवल हिंदी में होता है?
नहीं, वाच्य का सिद्धांत अन्य भाषाओं में भी लागू होता है, लेकिन इसके प्रकार और उपयोग भिन्न हो सकते हैं।