हमने बचपन से कई बुजुर्गों या अनुभवी लोगों को देखा होगा जो अपनी बातों को एक विशेष अंदाज में व्यक्त करते हैं और लोकोक्तियों का प्रयोग करते हैं। उदाहरण के लिए, “अंधों में काना राजा” या “गेहूं के साथ घुन भी पिसता है” जैसी प्रसिद्ध लोकोक्तियाँ अक्सर सुनने को मिलती हैं।
लोकोक्तियाँ हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो न केवल संवाद को रोचक बनाती हैं, बल्कि ज्ञान और अनुभव को भी साझा करती हैं। ये अक्सर परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछी जाती हैं। इस ब्लॉग में, हमने आकर्षक और महत्वपूर्ण लोकोक्तियाँ एकत्रित की हैं, जो आपके ज्ञान को बढ़ाने में सहायक होंगी।
लोकोक्तियाँ किसे कहते हैं?
लोकोक्तियाँ, जिन्हें कहावतें भी कहा जाता है, वे ऐसे वाक्य होते हैं जो किसी विचार, सत्य, या अनुभव को संक्षेप में व्यक्त करते हैं। ये प्रायः सामान्य जीवन के अनुभवों से जुड़ी होती हैं और इनमें जीवन की गहरी सच्चाइयाँ छिपी होती हैं।
लोकोक्तियाँ आमतौर पर संस्कृतियों में प्रचलित होती हैं और विभिन्न संदर्भों में उपयोग की जाती हैं। इनमें एक गहरी समझ और ज्ञान का तत्व होता है, जो समय के साथ पीढ़ियों को हस्तांतरित होता है। जैसे कि आपने कहा, हर लोकोक्ति के पीछे एक कहानी या घटना हो सकती है, जो इसे और भी अर्थपूर्ण बनाती है।
उदाहरण के लिए, “ऊँट के मुँह में एक दाना” एक लोकोक्ति है, जिसका अर्थ है कि किसी बड़े या विशाल चीज़ में बहुत कम या नगण्य होना। ऐसी लोकोक्तियाँ जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करती हैं।
मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर
विशेषताएँ | मुहावरे | लोकोक्तियाँ |
स्वतंत्रता | स्वतंत्र नहीं होते; अकेले में अर्थ स्पष्ट नहीं होता | पूर्ण वाक्य होते हैं; स्वतंत्र रूप से प्रयोग किए जा सकते हैं |
संक्षेपता | छोटे और संक्षिप्त होते हैं | बड़ी और भावपूर्ण होती हैं |
भाषाई प्रभाव | भाषा में चमत्कार उत्पन्न करते हैं | स्थिरता और सामान्य ज्ञान का संचार करते हैं |
अर्थ का विस्तार | अर्थ अक्सर घटक शब्दों से अलग होता है | गहरी सच्चाई या नैतिकता को व्यक्त करते हैं |
उदाहरण | “बंदर क्या जाने अदरक का” | “घर का भेदी लंका ढाए” |
महान लोगों के द्वारा लोकोक्ति की परिभाषाएँ
यहाँ महान व्यक्तियों द्वारा दी गई लोकोक्ति की परिभाषाओं का सारांश प्रस्तुत किया गया है:
- डॉ. भोलानाथ तिवारी: उनके अनुसार, “विभिन्न प्रकार के अनुभवों, पौराणिक तथा ऐतिहासिक व्यक्तियों एवं कथाओं, प्राकृतिक नियमों एवं लोक विश्वास आदि पर आधारित चुटीला, सरगर्भित, सजीव, संक्षिप्त लोक प्रचलित उक्तियाँ लोकोक्ति कहलाती हैं, जिनका उपयोग बात की पुष्टि या विरोध, सीख तथा भविष्य कथन के लिए किया जाता है।”
- ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी: इसके अनुसार, “जनता में प्रचलित कोई छोटा सा सारगर्भित वचन, अनुभव या निरीक्षण द्वारा ज्ञात किसी सत्य को प्रकट करने वाली संक्षिप्त उक्ति को लोकोक्ति कहते हैं।”
- अरस्तु: उन्होंने कहा है, “संक्षिप्त और प्रयोग के लिए उपयुक्त होने के कारण तत्वज्ञान के खंडहरों से निकाले गए टुकड़े को लोकोक्ति कहा जा सकता है।”
- टेनिसन: उनके अनुसार, “लोकोक्ति वे रत्न हैं जो लघु आकार में होते हुए भी अनंत काल से चली आ रही उक्ति हैं।”
- डॉ. सत्येंद्र: उनका कहना है, “लोकोक्तियों में लय और तान या ताल नहीं होती, बल्कि संतुलित स्पंदनशीलता होती है।”
- धीरेंद्र वर्मा: उन्होंने कहा कि “लोकोक्तियां ग्रामीण जनता की नीति शास्त्र हैं और यह मानवीय ज्ञान के घनीभूत रत्न हैं।”
लोकोक्ति की विशेषताएं
आपने लोकोक्तियों की विशेषताओं को बहुत अच्छे से प्रस्तुत किया है। यहाँ इन विशेषताओं का सारांश प्रस्तुत किया गया है:
- समाज का मार्गदर्शन: लोकोक्तियाँ समाज को सही मार्ग दिखाने में मदद करती हैं, जिससे लोग सही निर्णय ले सकें।
- धार्मिक एवं नैतिक उपदेश: ये धार्मिक और नैतिक मूल्यों को व्यक्त करने वाली प्रवृत्तियाँ हैं, जो समाज में नैतिकता को बनाए रखती हैं।
- हास्य और मनोरंजन: लोकोक्तियों का उपयोग हास्य और मनोरंजन के लिए भी किया जाता है, जिससे बातचीत में हलका-फुलका माहौल रहता है।
- सर्वव्यापी एवं सर्वग्राही: लोकोक्तियों के अर्थ हर समाज में एक समान होते हैं, जिससे ये सभी के लिए समझने योग्य होती हैं।
- प्राचीन परंपरा: ये प्राचीन समय से चली आ रही परंपरा का हिस्सा हैं, जो संस्कृति को बनाए रखने में सहायक होती हैं।
- जीवन के हर पहलू को स्पर्श: लोकोक्तियाँ जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूती हैं, जैसे प्रेम, दोस्ती, संघर्ष आदि।
- अनुभव पर आधारित: ये जीवन के अनुभवों पर आधारित होती हैं और उपयोगी सुझाव देती हैं।
- सरल एवं समास शैली: गहरी बातें भी सरल शब्दों में व्यक्त की जाती हैं, जिससे समझने में आसानी होती है।
- जटिलता को सरलता में बदलना: लोकोक्तियों के माध्यम से किसी जटिल बात को भी सरल और सहज तरीके से कहा जा सकता है।
- मार्गदर्शक का कार्य: लोकोक्तियाँ जीवन में मार्गदर्शन करती हैं, क्योंकि ये अनुभवों पर आधारित होती हैं।
- मनोरंजक ढंग से प्रस्तुत करना: ये किसी कटु बात को भी मनोरंजक तरीके से प्रस्तुत करती हैं, जिससे तनाव नहीं होता।
- धर्म और नैतिकता की राह: लोकोक्तियाँ समाज को धर्म और नैतिकता की राह पर चलने का मार्ग दिखाती हैं, जिससे स्थिरता बनी रहती है।
- सामाजिक एकता: ये समाज के सभी वर्गों को एक स्तर पर जोड़ने का कार्य करती हैं।
- पूर्वजों का दृष्टिकोण: लोकोक्तियों के माध्यम से हम पूर्वजों के जीवन के प्रति दृष्टिकोण और उस समय की व्यवस्था को समझ सकते हैं।
लोकोक्तियाँ एवं कहावतें
लोकोक्ति/कहावत | अर्थ |
1. बंदर क्या जाने अदरक का | जो चीज़ किसी के समझ में नहीं आती, उस पर टिप्पणी करना सही नहीं है। |
2. घर का भेदी लंका ढाए | अपने ही लोगों की गलतियों या धोखेबाजी से बड़ा नुकसान होता है। |
3. ऊँट के मुँह में दाना | किसी चीज़ का मात्रा में कम होना, जो जरूरत से बहुत कम हो। |
4. खुदा मेहरबान तो गधा पहलवान | जब भगवान की कृपा होती है, तो साधारण व्यक्ति भी विशेष कार्य कर सकता है। |
5. आसमान से गिरे, खजूर में अटके | एक समस्या से निकलते ही दूसरी समस्या में फंस जाना। |
6. नकल के लिए भी अक्ल चाहिए | किसी चीज़ की नकल करने के लिए भी समझ और बुद्धिमत्ता की आवश्यकता होती है। |
7. जिसका काम उसी को साजे | जो व्यक्ति जिस काम में दक्ष है, उसी को उस काम का उत्तरदायित्व देना चाहिए। |
8. दूध का दूध और पानी का पानी | सच्चाई और झूठ का अंतर साफ करना। |
9. मुँह में राम, बगल में छुरी | किसी व्यक्ति की दोहरी नीति का संकेत। |
10. निंदक नियरे राखिए | आलोचकों को अपने पास रखें, क्योंकि वे आपकी कमियों को सुधारने में मदद कर सकते हैं। |
11. जाकी रही भावना, जैसी प्रभु मूरत देखी | जैसा आपका मनोभाव होगा, वैसा ही अनुभव होगा। |
12. समय बड़ा बलवान | समय का महत्व समझना चाहिए, क्योंकि समय कभी नहीं लौटता। |
13. भाग्य का खेल समझना चाहिए | भाग्य के खेल को समझना चाहिए, कभी-कभी चीज़ें अनपेक्षित होती हैं। |
14. चोर की दाढ़ी में तिनका | किसी की गलती या अपराध छिपा नहीं रह सकता। |
15. एक तीर से दो शिकार | एक ही क्रिया से दो लाभ प्राप्त करना। |
16. सूप के बिना दाल नहीं पकती | किसी भी काम को करने के लिए तैयारी और संसाधनों की आवश्यकता होती है। |
17. ऊँची दुकान, फीके पकवान | बाहरी रूप से कुछ आकर्षक दिखता है, लेकिन अंदरूनी गुणवत्ता कम है। |
18. खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे | जब कोई व्यक्ति असहज स्थिति में होता है, तो वह गलत तरीके से प्रतिक्रिया करता है। |
19. बिन मेहनत कुछ भी नहीं मिलता | मेहनत के बिना सफलता नहीं मिलती। |
20. जो बोओगे, वही काटोगे | आपके किए गए कार्यों का परिणाम आपको भुगतना होगा। |
21. हर बुराई का इलाज है | किसी भी समस्या का समाधान होता है। |
22. एक हाथ से ताली नहीं बजती | किसी काम में सफलता के लिए सहयोग की आवश्यकता होती है। |
23. अंधा क्या चाहे, दो आँखें | आवश्यकता के अनुसार आपकी चाहत भी बढ़ती है। |
24. नाच न जाने आँगन टेढ़ा | अपनी असफलता का ठिकरा दूसरों पर फोड़ना। |
25. छोटी मछली बड़ा तालाब | साधारण व्यक्ति भी बड़ी चुनौती का सामना कर सकता है। |
अ से शुरू होने वाली लोकोक्तियाँ
लोकोक्ति | अर्थ |
1. अब पछताए क्या होगा? | जब समय बीत गया, तब पछताने का कोई अर्थ नहीं है। |
2. अगर बिन पानी सब सून | बिना संसाधनों के जीवन की कोई महत्वता नहीं होती। |
3. आदमी को समझना चाहिए | व्यक्ति को दूसरों के विचारों और भावनाओं को समझना चाहिए। |
4. अंधा क्या चाहे, दो आँखें | जब जरूरत होती है, तो इच्छाएँ भी बढ़ जाती हैं। |
5. अपने पैर पर खुद खड़ा होना चाहिए | आत्मनिर्भरता का महत्व समझना चाहिए। |
6. अधजल गगरी छलकत जाए | अधूरे काम या अधूरे ज्ञान से अधिक शोर होता है। |
7. अपनी खोई हुई चीज़ का पता लगाना | खोई हुई चीज़ को पाने के लिए प्रयास करना चाहिए। |
8. अनाड़ी के हाथ में हथौड़ी | अनजान व्यक्ति के हाथ में शक्तिशाली उपकरण होने पर हानि होती है। |
9. आवाज़ में तान होनी चाहिए | किसी बात को कहने का एक उचित तरीका होना चाहिए। |
10. अति सर्वत्र वर्जित | किसी भी चीज़ की अधिकता हानिकारक होती है। |
11. अंधेर नगरी चौपट राजा | जब शासन और व्यवस्था कमजोर होती है, तो अनर्थ होते हैं। |
12. अपनी गलती स्वीकार करना चाहिए | अपने गलतियों को मानने से सुधार होता है। |
13. अभाव में सब वस्तुएं महंगी लगती हैं | कमी के समय सभी चीज़ें कीमती लगती हैं। |
14. अलग अलग बर्तन, अलग अलग आवाज़ | हर व्यक्ति या चीज़ की अपनी विशेषता होती है। |
15. अन्याय का विरोध करना चाहिए | अन्याय के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। |
16. अंधेरा सबसे बड़ा दुश्मन है | अज्ञानता या अनजान चीज़ें सबसे बड़ी बाधा होती हैं। |
17. अगर कुछ करोगे, तो ही मिलेगा | प्रयास के बिना कुछ नहीं मिलता। |
18. अन्य लोगों की मदद करना चाहिए | समाज में एक-दूसरे की मदद करना महत्वपूर्ण है। |
19. अपना भला सोचो, दूसरों का भी | अपने और दूसरों के भले का ख्याल रखना चाहिए। |
20. औरों के अनुभव से सीखना चाहिए | दूसरों के अनुभवों से सीख लेना हमेशा फायदेमंद होता है। |
आ से शुरू होने वाली लोकोक्तियाँ
लोकोक्ति | अर्थ |
1. आ बैल मुझे मार | अपने नुकसान के लिए खुद ही आमंत्रित करना। |
2. आम के आम, गुठलियों के दाम | एक ही कार्य से दो लाभ मिलना। |
3. आधा अधूरा काम न करना | बिना पूरा किए काम को छोड़ना सही नहीं है। |
4. आग में घी डालना | किसी समस्या को और बढ़ाना। |
5. आसमान से गिरे, खजूर पर अटके | एक समस्या से निकलते हुए दूसरी में फंसना। |
6. आपस में न लड़ना | एक-दूसरे से मिलकर रहना चाहिए। |
7. आंखों पर पट्टी बांधना | किसी बात को न समझने या अनदेखा करने की स्थिति। |
8. आँगन में बटेरों का झगड़ा | छोटी-मोटी बातों पर लड़ाई-झगड़ा होना। |
9. अपनी-अपनी ढपली, अपना-अपना राग | सभी को अपने-अपने काम में लगे रहना चाहिए। |
10. आकाश से गिरना | किसी अप्रत्याशित परिस्थिति का सामना करना। |
11. आम के पेड़ पर नहीं चढ़ना | अपनी स्थिति से बाहर जाकर न काम करना। |
12. आंख के तारे की तरह रखना | किसी को बहुत प्यार और ध्यान से रखना। |
13. आलस्य का फल विषैला होता है | सुस्ती का परिणाम बुरा होता है। |
14. आदर्श की ऊँचाई पर होना | नैतिकता और आदर्शों का पालन करना। |
15. आज का काम कल पर न डालना | काम को टालना नहीं चाहिए। |
16. आसपास की ख़ुशबू का आनंद लेना | अपने चारों ओर की सुंदरता का अनुभव करना। |
17. आखिरी समय पर हिम्मत करना | मुश्किल समय में साहस नहीं छोड़ना। |
18. आहार में विविधता होना चाहिए | भोजन में विभिन्नता जरूरी है। |
19. आम के आम, गुठलियों के दाम | एक कार्य से दो लाभ प्राप्त करना। |
20. अग्नि को जलाना | कठिनाइयों का सामना करना। |
इ, ई से शुरू होने वाली लोकोक्तियाँ
लोकोक्ति | अर्थ |
1. इधर उधर की बातें न करना | बिना मतलब की बातें करना सही नहीं है। |
2. ईश्वर के घर देर है, अंधेर नहीं | देर से आए, लेकिन न्याय जरूर मिलेगा। |
3. इंद्रधनुष की तरह रंग-बिरंगी जिंदगी | जीवन में विभिन्न रंग और अनुभव होते हैं। |
4. इमामदाद में खुदा से क्या डर | जिनके पास अपने कर्म हैं, उन्हें किसी से डर नहीं। |
5. ईमानदार व्यक्ति को कभी नहीं हारना | ईमानदारी से की गई मेहनत का फल मीठा होता है। |
6. इकट्ठा होकर बैठना | एक साथ मिलकर बैठना, विचार-विमर्श करना। |
7. इधर-उधर की बातें करना | अनावश्यक चर्चा में समय बिताना। |
8. ईंट का जवाब पत्थर से देना | दुश्मन को उसी तरह जवाब देना चाहिए। |
9. इश्क में सब कुछ माफ है | प्रेम में छोटी-छोटी गलतियाँ क्षमा की जाती हैं। |
10. ईश्वर की कृपा पर विश्वास रखना | अपनी मेहनत के साथ ईश्वर पर विश्वास करना चाहिए। |
11. ईश्वर की राह पर चलना | नैतिकता और धर्म के मार्ग पर चलना। |
12. इरादे मजबूत हों, तो सफलता मिलती है | ठान लेने पर हर काम में सफलता प्राप्त की जा सकती है। |
13. इधर से उधर की बातें न करना | किसी की बातों पर ध्यान न देना। |
14. ईमानदार के साथ सच्चाई रहती है | ईमानदारी से ही सच्चाई प्राप्त होती है। |
15. इधर-उधर की बातें मत करना | फालतू की बातों में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। |
16. इरादों में शक्ति होनी चाहिए | अपने इरादों में दृढ़ता होनी चाहिए। |
17. ईश्वर पर भरोसा रखना | कठिनाइयों में भी ईश्वर पर विश्वास करना चाहिए। |
18. इंद्री को साधना आवश्यक है | इंद्रियों पर नियंत्रण रखना चाहिए। |
19. इधर-उधर की चर्चा न करना | किसी की बातों को अनावश्यक महत्व नहीं देना चाहिए। |
20. ईश्वर की कृपा से सब कुछ संभव है | ईश्वर की मदद से कोई भी कार्य संभव हो सकता है। |
उ, ऊ से शुरू होने वाली लोकोक्तियाँ
लोकोक्ति | अर्थ |
1. उगते सूरज को सलाम करना | सफलताओं और नए अवसरों का स्वागत करना। |
2. उधार की दीवार नहीं होती | किसी से सहायता लेकर उसे भूलना सही नहीं है। |
3. उधारी में यार-दोस्त नहीं होते | कर्ज लेने पर मित्रता की अहमियत कम हो जाती है। |
4. उदासीनता में सब खत्म हो जाता है | अनदेखी करने पर अवसर गंवाने की संभावना होती है। |
5. उड़ते हुए कागज पर लिखना | बिना सोच-समझकर कोई काम करना। |
6. उगने से पहले ही काटना | किसी चीज़ को बनने से पहले ही समाप्त कर देना। |
7. ऊँचाई पर पहुँचने के लिए मेहनत करनी पड़ती है | सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है। |
8. उड़ा हुआ चाँद कभी लौटता नहीं | एक बार जो मौका चला गया, वह वापस नहीं आता। |
9. उड़ान भरने से पहले पंखों की ताकत पहचानो | सफलता के लिए तैयारी जरूरी है। |
10. उषा के संग चलना | नए अवसरों की ओर बढ़ना। |
11. उल्लू की तरह अंधेरे में रहना | बेवजह की लापरवाही करना। |
12. उगता सूरज देखने में कोई हर्ज नहीं | सकारात्मक चीजों की सराहना करना चाहिए। |
13. ऊँचाई पर पहुँचने का रास्ता कठिन होता है | सफलताओं के लिए संघर्ष करना पड़ता है। |
14. उगने से पहले गिरना नहीं चाहिए | किसी कार्य में असफलता से डरना नहीं चाहिए। |
15. उधार के लिए हाथ बढ़ाना | दूसरों से सहायता मांगना। |
16. उच्चता की ओर बढ़ना | किसी लक्ष्य की ओर आगे बढ़ना। |
17. ऊँचाई पर पहुँचकर दूसरों को गिराना | दूसरों को नीचा दिखाना गलत है। |
18. उगने वाली बगिया की देखभाल करना | सफलता को बनाए रखने के लिए देखभाल जरूरी है। |
19. उद्यान में मेहनत करने से फल मिलता है | परिश्रम का फल मीठा होता है। |
20. ऊँचाई से गिरने पर चिड़िया भी रोती है | सभी को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। |
ए से शुरू होने वाली लोकोक्तियाँ
लोकोक्ति | अर्थ |
1. एक अंगुली से ताली नहीं बजती | किसी कार्य में केवल एक व्यक्ति का योगदान नहीं होता। |
2. एक सुई की कीमत मत समझो | छोटी चीज़ों का भी महत्व होता है। |
3. एक झूठ से सौ झूठ पकड़े जाते हैं | एक झूठ बोलने पर कई और झूठ बोलने पड़ते हैं। |
4. एकता में बल है | एकजुट होकर काम करने में ताकत होती है। |
5. एक पंछी से कुछ नहीं होता | अकेले व्यक्ति से बड़ी उपलब्धि नहीं होती। |
6. एक चिड़िया सब कुछ नहीं कर सकती | अकेले में सब कार्य करना संभव नहीं होता। |
7. एक तीर से दो शिकार करना | एक ही कार्य से दो लाभ प्राप्त करना। |
8. एक बूँद से सागर नहीं भरता | छोटी-छोटी कोशिशें मिलकर बड़े लक्ष्य को नहीं पूरा करतीं। |
9. एक पैर पर खड़े रहना नहीं संभव | किसी काम को करने के लिए संतुलन जरूरी है। |
10. एक दिन की मेहनत से सफलता नहीं मिलती | निरंतर परिश्रम करने से ही सफलता मिलती है। |
11. एक कहानी के दो पहलू होते हैं | हर घटना में अलग-अलग दृष्टिकोण होते हैं। |
12. एक खेत में फसल उगाना नहीं होता | मेहनत किए बिना लाभ नहीं मिलता। |
13. एक बगीचे में हर फूल की अपनी खुशबू है | हर व्यक्ति की अपनी विशेषता होती है। |
14. एक मुट्ठी भर चावल से नहीं चलता | छोटी चीज़ों से बड़ी आवश्यकता पूरी नहीं होती। |
15. एक साथी से बड़ी दूरी नहीं बनानी चाहिए | मित्रता को बनाए रखना चाहिए। |
16. एक दिन की लड़ाई से युद्ध नहीं जीतता | केवल एक प्रयास से सफलता नहीं मिलती। |
17. एक जिद्दी बच्चा हर बात मानता नहीं है | हर व्यक्ति की अपनी सोच और विचार होते हैं। |
18. एक नेता के बिना समूह आगे नहीं बढ़ता | नेता का होना आवश्यक है। |
19. एक चेहरे पर कई रंग होते हैं | व्यक्तियों की व्यक्तित्व में विविधता होती है। |
20. एक मछली से तालाब नहीं सूखता | एक व्यक्ति की कमी से सम्पूर्णता पर असर नहीं पड़ता। |
ऐ से शुरू होने वाली लोकोक्तियाँ
लोकोक्ति | अर्थ |
1. ऐन वक्त पर काम आना | सही समय पर मदद करना या कोई कार्य करना। |
2. ऐन मौके पर मिलना | सही समय पर किसी से मिलना या अवसर प्राप्त करना। |
3. ऐतिहासिक घटनाओं से सीख लेना | पूर्व की घटनाओं से शिक्षा ग्रहण करना। |
4. ऐसों का संग करना जो साथ निभाएँ | अच्छे दोस्तों का चुनाव करना। |
5. ऐन वक्त पर दिया गया जवाब | सही समय पर दिया गया उत्तर। |
6. ऐश की जिंदगी जीना | आरामदायक और सुखमय जीवन जीना। |
7. ऐन मौके पर निर्णय लेना | सही समय पर निर्णय लेना। |
8. ऐतिहासिक कथाओं से प्रेरणा लेना | प्राचीन कथाओं से प्रेरणा लेना। |
9. ऐन वक्त पर सब कुछ सही होना | सही समय पर सब कुछ ठीक होना। |
10. ऐश्वर्य का साथ होना | धन और समृद्धि का साथ होना। |
11. ऐलान करना | किसी बात की घोषणा करना। |
12. ऐन समय पर सहायता करना | सही समय पर मदद करना। |
13. ऐरन जाल में फंसना | बिना सोचे समझे किसी मुश्किल में पड़ना। |
14. ऐन वक्त पर भटक जाना | सही रास्ता छोड़कर गलत दिशा में जाना। |
15. ऐसों के संग चलना जो समझें | ऐसे लोगों के साथ रहना जो समझते हैं। |
16. ऐन वक्त पर किया गया काम | समय पर किया गया कार्य। |
17. ऐन वक्त पर किसी की याद आना | अचानक किसी व्यक्ति की याद आना। |
18. ऐक्शन में आना | किसी कार्य को करने का मन बनाना। |
19. ऐतराज नहीं करना | किसी बात पर आपत्ति न जताना। |
20. ऐलान की हिम्मत करना | किसी बात की घोषणा करने का साहस करना। |
ओ से शुरू होने वाली लोकोक्तियाँ
लोकोक्ति | अर्थ |
1. ओछी बातें करने वाला | कम महत्वपूर्ण विषयों पर बात करने वाला। |
2. ओल्ड से बोर नहीं होना | पुरानी चीजों से उकता जाना। |
3. ओट में रहकर शांति से जीना | छिपकर या सुरक्षित तरीके से जीवन बिताना। |
4. ओस की बूँदें जीवन देती हैं | ताजगी और नयापन लाने वाली चीजें महत्वपूर्ण होती हैं। |
5. ओवरएक्टिंग से बचना | जरूरत से ज्यादा नाटक करना। |
6. ओझल रहना | किसी चीज से दूर रहना। |
7. ओढ़कर चलना | दिखावे के लिए काम करना। |
8. ओवर नहीं करना | किसी काम को जरूरत से ज्यादा नहीं करना। |
9. ओट में रहकर ही काम करना | छिपकर काम करना। |
10. ओहदा बढ़ाना | पद या स्थान को ऊँचा करना। |
11. ओस में धुंधलका | समय के साथ कुछ छिप जाना। |
12. ओछी हरकतें करना | घटिया काम करना। |
13. ओक में झुकना | कमजोर पड़ना या निराश होना। |
14. ओढ़ना और छोड़ना | जरूरत के अनुसार परिवर्तन करना। |
15. ओल्ड स्कूल से बाहर जाना | पारंपरिक विचारों से बाहर निकलना। |
16. ओट से बाहर नहीं आना | अपनी स्थिति में स्थिर रहना। |
17. ओस से ताजगी पाना | नए अनुभव से प्रेरणा लेना। |
18. ओवरड्राइव में जाना | बहुत तेजी से काम करना। |
19. ओपेनिंग की तैयारी करना | किसी नए अवसर के लिए तैयार रहना। |
20. ओटी में रहना | सुरक्षित या छिपे रहकर जीना। |
औ से शुरू होने वाली लोकोक्तियाँ
लोकोक्ति | अर्थ |
1. औकात से बाहर नहीं जाना | अपनी सीमा से बाहर नहीं जाना। |
2. औसत से ऊपर होना | सामान्य से बेहतर होना। |
3. औलाद का नाम रौशन करना | संतान का नाम ऊँचा करना। |
4. औषधि का सेवन करना | स्वास्थ्य के लिए दवा का उपयोग करना। |
5. औपचारिकता से काम लेना | औपचारिकता में रहकर कार्य करना। |
6. औलाद का साया | संतान का आश्रय या सुरक्षा। |
7. औकात में रहना | अपनी सीमा में रहना। |
8. औधि से ज्यादा होना | आवश्यकता से अधिक होना। |
9. औलाद की खुशी | संतान की खुशी को प्राथमिकता देना। |
10. औसत मानक पर खरा उतरना | सामान्य मानक पर सही बैठना। |
11. औषधि की शक्ति | दवा की ताकत या प्रभाव। |
12. औकात का ध्यान रखना | अपनी स्थिति का ध्यान रखना। |
13. औलाद का भाग्य | संतान का भाग्य या किस्मत। |
14. औसत से कम या ज्यादा | सामान्य से थोड़ा कम या ज्यादा होना। |
15. औपचारिकता में न रहना | औपचारिकता को छोड़कर स्वाभाविक होना। |
16. औलाद का संग | संतान का साथ या संग। |
17. औसत से बड़ा होना | सामान्य से बड़ा या बेहतर होना। |
18. औषधियों का प्रयोग | दवाओं का सही उपयोग करना। |
19. औकात का अंदाजा लगाना | अपनी सीमा का सही अनुमान लगाना। |
20. औलाद का गर्व | संतान पर गर्व करना। |
अन्य Famous Lokoktiyan in Hindi
लोकोक्ति | अर्थ |
आग में घी डालना | किसी समस्या को और बढ़ाना। |
अंधेर नगरी चौपट राजा | जब शासन ठीक से न हो। |
अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता | एक व्यक्ति से काम नहीं बनता। |
आसमान से गिरे, खजूर में अटके | एक मुसीबत से निकलकर दूसरी मुसीबत में फंसना। |
आलस्य ही दुश्मन है | आलस्य से सफलता नहीं मिलती। |
अधजल गागर छलकती है | अधूरा ज्ञान अधिक बोलने में बाधा डालता है। |
उगते सूरज को सब सलाम करते हैं | जो सफल होता है, उसकी सराहना होती है। |
एकता में बल है | एकता से ही ताकत मिलती है। |
गोलमाल करने वाले का अंत बुरा होता है | गलत काम करने का परिणाम अच्छा नहीं होता। |
गंदगी में पैर रखना | खराब स्थिति में फंसना। |
घुटने टेकना | हार मान लेना। |
हर चीज का एक समय होता है | सब कुछ समय पर करना चाहिए। |
हर किसी की एक आदत होती है | हर व्यक्ति की कुछ विशेषताएँ होती हैं। |
जैसा बोओगे, वैसा काटोगे | जो करोगे, उसका परिणाम मिलेगा। |
जिनके पैर होते हैं, उनके रास्ते होते हैं | जो मेहनत करते हैं, उनके लिए रास्ते खुलते हैं। |
जितनी चादर, उतना पैर फैलाना | अपनी सामर्थ्य के अनुसार ही खर्च करना चाहिए। |
जितनी धन की बात, उतनी मेहनत | धन कमाने के लिए मेहनत करनी पड़ती है। |
झूठ बोलने वाले का अंत बुरा होता है | झूठ बोलने से नकारात्मक परिणाम होते हैं। |
जो सोता है, वो खोता है | जो लोग मेहनत नहीं करते, वो अवसर खो देते हैं। |
जो गरजते हैं, वो बरसते नहीं | जो लोग ज्यादा बोलते हैं, वो काम नहीं करते। |
जो भी हो, अंत भला तो सब भला | अंत में सब कुछ ठीक होना चाहिए। |
जिसका कोई नहीं, उसका खुदा है | जब कोई नहीं होता, तब ईश्वर मदद करता है। |
जुते हुए घास पर चलना | सुरक्षा में चलना। |
जितना बड़ा जोखिम, उतना बड़ा लाभ | बड़ा लाभ पाने के लिए बड़ा जोखिम लेना होता है। |
जोश में न रहना | अत्यधिक उत्साह में न रहना चाहिए। |
जुड़कर रहना | एकता में रहना चाहिए। |
जितना बड़ा महल, उतनी बड़ी चाबी | बड़ी चीजों के लिए बड़े प्रयास की आवश्यकता होती है। |
जैसा खान, वैसा ध्यान | जैसे खान-पान, वैसे विचार। |
जिंदगी का कोई भरोसा नहीं | जीवन में अनिश्चितताएँ होती हैं। |
जितनी मेहनत, उतना फल | मेहनत का फल मीठा होता है। |
जैसा बुरा, वैसा बुरा | अगर आप बुरा करेंगे, तो बुरा ही होगा। |
जिंदगी में रंगीनियां लाना | जीवन को खुशहाल बनाना चाहिए। |
जीने का तरीका अलग है | हर किसी का जीने का अपना तरीका होता है। |
ज़्यादा बोलना, ज़्यादा सुनना | अधिक बोलने से अधिक बातें सुनने की आवश्यकता होती है। |
ज्यादा दौड़ने से थकावट | ज्यादा मेहनत से थकावट आती है। |
जितना धैर्य, उतना संतोष | धैर्य रखने से संतोष मिलता है। |
जैसा मन, वैसा ज्ञान | मन की स्थिति ज्ञान को प्रभावित करती है। |
झगड़ा करने से सब कुछ बिगड़ता है | विवाद करने से कोई फायदा नहीं होता। |
जोड़ा करने से सब जुड़ता है | जोड़े रखने से संबंध मजबूत होते हैं। |
जिंदगी का कोई विकल्प नहीं होता | जीवन में कुछ विकल्प नहीं होते। |
जिनका काम, उनकी तारीफ | काम करने वालों की सराहना करनी चाहिए। |
जन्मजात प्रतिभा की कोई सीमा नहीं | प्रतिभा की कोई सीमाएँ नहीं होती हैं। |
लोकोक्ति MCQs
“अंधेर नगरी चौपट राजा” का अर्थ क्या है?
A) शासन की कुशलता
B) जब शासन ठीक से न हो
C) समाज में शांति
D) राजा की दया
उत्तर: B) जब शासन ठीक से न हो
“अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता” का सही अर्थ क्या है?
A) अकेले से कुछ नहीं होता
B) समूह में शक्ति है
C) एक व्यक्ति की ताकत
D) सभी का एक होना
उत्तर: A) अकेले से कुछ नहीं होता
“जितनी चादर, उतना पैर फैलाना” का क्या मतलब है?
A) अपने सामर्थ्य के अनुसार ही खर्च करना
B) हमेशा अधिक मांग करना
C) चादर की गुणवत्ता
D) कोई नहीं
उत्तर: A) अपने सामर्थ्य के अनुसार ही खर्च करना
“जो सोता है, वो खोता है” का अर्थ क्या है?
A) मेहनत का महत्व
B) नींद का महत्व
C) काम का महत्व
D) सभी का एक होना
उत्तर: A) मेहनत का महत्व
“जो गरजते हैं, वो बरसते नहीं” का अर्थ क्या है?
A) जो ज्यादा बोलते हैं, वो काम नहीं करते
B) जो लोग साधारण होते हैं
C) जो लोग अनुभवहीन होते हैं
D) जो लोग कायर होते हैं
उत्तर: A) जो ज्यादा बोलते हैं, वो काम नहीं करते
“जैसा बोओगे, वैसा काटोगे” का क्या अर्थ है?
A) कार्य का परिणाम उसी प्रकार का होता है
B) काम करने का तरीका
C) अच्छी बातें करना
D) सभी का एक होना
उत्तर: A) कार्य का परिणाम उसी प्रकार का होता है
“गंदगी में पैर रखना” का क्या मतलब है?
A) सुरक्षित रहना
B) खराब स्थिति में फंसना
C) स्वास्थ्य का ध्यान रखना
D) स्वच्छता का पालन करना
उत्तर: B) खराब स्थिति में फंसना
“एकता में बल है” का अर्थ क्या है?
A) एकता से ही ताकत मिलती है
B) अकेले काम करना
C) विभिन्नता में शक्ति
D) सबका एक होना
उत्तर: A) एकता से ही ताकत मिलती है
“आग में घी डालना” का अर्थ क्या है?
A) समस्या को हल करना
B) किसी समस्या को और बढ़ाना
C) सब कुछ ठीक करना
D) मदद करना
उत्तर: B) किसी समस्या को और बढ़ाना
“सपने देखने वाले की हिम्मत होती है” का अर्थ क्या है?
A) सपने सच होते हैं
B) कोशिश करने वाले का साथ
C) हिम्मत से ही सपने सच होते हैं
D) सबका एक होना
उत्तर: C) हिम्मत से ही सपने सच होते हैं
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FAQs
लोकोक्ति क्या होती है?
लोकोक्ति एक संक्षिप्त, सारगर्भित और अर्थपूर्ण वाक्य होती है, जिसका उपयोग सामान्य ज्ञान, अनुभव या सिखाने वाले संदेश को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
लोकोक्तियाँ और कहावतें में क्या अंतर है?
लोकोक्तियाँ पूर्ण वाक्य होती हैं और एक विचार या सिख को स्पष्ट करती हैं, जबकि कहावतें एक विशेष संदर्भ में कही जाती हैं और अक्सर एक अधिक व्यापक या सांस्कृतिक अर्थ रखती हैं।
लोकोक्तियाँ किस प्रकार के होते हैं?
लोकोक्तियाँ अक्सर विभिन्न विषयों पर होती हैं जैसे कि जीवन, काम, सफलता, दोस्ती, और नैतिकता। ये आमतौर पर समाज में अनुभवों के आधार पर बनाई जाती हैं।
क्या लोकोक्तियाँ केवल हिंदी में होती हैं?
नहीं, लोकोक्तियाँ विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों में पाई जाती हैं। हर संस्कृति में अपनी-अपनी लोकोक्तियाँ और कहावतें होती हैं जो वहां के समाज और परंपराओं को दर्शाती हैं।
लोकोक्तियों का उपयोग कब किया जाता है?
लोकोक्तियों का उपयोग किसी विचार को स्पष्ट करने, शिक्षा देने, या जीवन की सच्चाई को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। ये अक्सर बातचीत, लेखन या भाषण में उपयोग की जाती हैं।
क्या लोकोक्तियों का कोई विशेष महत्व है?
हाँ, लोकोक्तियाँ समाज में नैतिकता, ज्ञान और जीवन के अनुभवों को संचारित करने का कार्य करती हैं। ये लोगों को सही मार्गदर्शन देने में मदद करती हैं।
लोकोक्तियाँ कैसे बनती हैं?
लोकोक्तियाँ अक्सर जीवन के अनुभवों, ऐतिहासिक घटनाओं, और सांस्कृतिक परंपराओं के आधार पर बनती हैं। ये समय के साथ विकसित होती हैं और पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होती हैं।
क्या सभी लोकोक्तियाँ सकारात्मक होती हैं?
नहीं, कुछ लोकोक्तियाँ नकारात्मक भी हो सकती हैं और यह बताती हैं कि किसी विशेष स्थिति में क्या गलत हो सकता है। हालांकि, अधिकांश लोकोक्तियाँ सीखने या नैतिक शिक्षा देने के उद्देश्य से होती हैं।
क्या बच्चों को लोकोक्तियाँ सिखाई जानी चाहिए?
हाँ, बच्चों को लोकोक्तियाँ सिखाने से उन्हें जीवन के महत्वपूर्ण नैतिक और व्यावहारिक पाठ सिखाने में मदद मिलती है। ये उन्हें सोचने और समझने की क्षमता को बढ़ाती हैं।
लोकोक्तियों का संग्रह कैसे किया जा सकता है?
लोकोक्तियों का संग्रह किताबों, लेखों, और इंटरनेट के माध्यम से किया जा सकता है। कई संग्रहित पुस्तकें और वेबसाइटें हैं जो विभिन्न लोकोक्तियों की सूची प्रदान करती हैं।