Karak in Hindi – परिभाषा, भेद और उदाहरण के साथ जानें

किसी कार्य को करने वाला कारक वह होता है जो क्रिया के सम्पादन में मुख्य भूमिका निभाता है। हिंदी व्याकरण में कारक एक महत्वपूर्ण तत्व है, जो संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ संबंध स्पष्ट करता है। कारक की परिभाषा है—वह वाक्यांश या शब्द, जो क्रिया के संदर्भ में संज्ञा या सर्वनाम के योगदान को दर्शाता है। संक्षेप में, कारक किसी क्रिया को कैसे और किसके द्वारा किया जा रहा है, इसका स्पष्ट संकेतक होता है।

कारक से क्या अभिप्राय है?

कारक एक व्याकरणिक पद है जो संज्ञा या सर्वनाम के वाक्य के अन्य शब्दों के साथ संबंध को स्पष्ट करता है। शाब्दिक अर्थ में, कारक का मतलब है ‘करने वाला’, जो किसी क्रिया को पूरी तरह करने में भूमिका निभाता है। विभिन्न कारक वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया या अन्य शब्दों के साथ संबंध दर्शाते हैं, जैसे कर्ता, कर्म, करण, संप्रदान, अपादान, संबंध, अधिकरण, और सम्बोधन। वाक्य में इन कारकों के रूप को प्रकट करने वाले चिन्हों को विभक्ति या परसर्ग कहते हैं, जैसे ‘ने’, ‘में’, ‘को’, ‘से’।

कारक क्या होता है?

कारक हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण तत्व है, जो क्रिया के संदर्भ को स्पष्ट करने में मदद करता है। यह वाक्य में यह दर्शाता है कि क्रिया किसी व्यक्ति या वस्तु के साथ कैसे जुड़ी हुई है, या क्रिया किस प्रकार की जा रही है। कारक का मुख्य उद्देश्य क्रिया के कर्ता, विधि, उपकरण, प्राप्तकर्ता, समय, स्थान, कारण, आदि के संबंध को स्पष्ट करना है। इससे वाक्य की संरचना और अर्थ स्पष्ट होता है। हिंदी में विभिन्न कारक जैसे कर्ता कारक (जिसे क्रिया कर रहा है), कर्म कारक (जिस पर क्रिया हो रही है), साधन कारक (जिसके माध्यम से क्रिया हो रही है), और अधिकरण कारक (स्थान या समय का सूचक) वाक्य के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं। ये कारक वाक्य को संपूर्ण और स्पष्ट बनाते हैं।

कारक विभक्ति क्या है?

हिंदी व्याकरण में कारक विभक्ति एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जो वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम के रूपांतरण को दर्शाती है। “कारक” का अर्थ है कि संज्ञा या सर्वनाम की क्रिया के साथ किस प्रकार का संबंध है, और “विभक्ति” का मतलब है रूप परिवर्तन। कारक विभक्ति वह प्रक्रिया है जिसमें संज्ञा या सर्वनाम का रूप बदलता है ताकि वह वाक्य में सही अर्थ और भूमिका को स्पष्ट कर सके।

उदाहरण के लिए, वाक्य में ‘ने’, ‘में’, ‘को’, ‘से’ जैसे विभक्ति चिन्ह संज्ञा या सर्वनाम के साथ जोड़े जाते हैं, जिससे वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ संबंध स्पष्ट होता है। यह विभक्ति वाक्य की संरचना और अर्थ को स्पष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे वाक्य की स्पष्टता और समझ में सुधार होता है।

कारक के लक्षण, चिन्ह, और विभक्ति चिन्ह

नीचे कारक के लक्षण, चिन्ह, और विभक्ति चिन्ह का सारणीबद्ध विवरण प्रस्तुत किया गया है:

कारकलक्षणचिन्हविभक्ति चिन्ह
कर्ता कारकक्रिया का कर्ता या करने वालाने’प्रथमा विभक्ति चिन्ह ‘ने’
कर्म कारकक्रिया का प्रभाव या जिस पर क्रिया हो रही हैको’द्वितीया विभक्ति चिन्ह ‘को’
करण कारकक्रिया के लिए उपयोग किया गया साधन या तरीकासे’, ‘के द्वारा’तृतीया विभक्ति चिन्ह ‘से’
संप्रदान कारकक्रिया का लाभ या प्राप्तकर्ताके लिए’, ‘को’चतुर्थी विभक्ति चिन्ह ‘के लिए’
अपादान कारकक्रिया से अलगाव या दूरीसे’पंचमी विभक्ति चिन्ह ‘से’
संबंध कारकसंज्ञा या सर्वनाम के बीच संबंधका’, ‘के’, ‘की’षष्ठी विभक्ति चिन्ह ‘का’, ‘के’, ‘की’
अधिकरण कारकक्रिया का स्थान, समय, या स्थितिमें’, ‘पर’सप्तमी विभक्ति चिन्ह ‘में’, ‘पर’
संबोधन कारककिसी को पुकारना या सम्बोधित करनाहे!’, ‘ओ!’सम्बोधन विभक्ति चिन्ह ‘हे!’, ‘ओ!’

कारक के भेद Karak in Hindi

कारक के कुल भेद आठ होते हैं

विभक्तिकारकक्रिया चिन्हउदाहरण
प्रथमाकर्तानेराम ने खाना खाया।
द्वितीयाकर्मकोमैंने उसे देखा।
तृतीयाकरणसे, के द्वाराउसने कलम से लिखा।
चतुर्थीसंप्रदानके लिए, कोमैंने उसे उपहार दिया।
पंचमीअपादानसे (अलग होने के अर्थ में)वह घर से बाहर गया।
षष्ठीसंबंधका, के, कीयह राम का घर है।
सप्तमीअधिकरणमें, परवह कमरे में है।
सम्बोधनसम्बोधनहे!, ओर!हे भगवान!

कर्ता कारक – Karta Karak

कर्ता कारक (Karta Karak) हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण तत्व है जो वाक्य में क्रिया का मुख्य कारक या कर्ता दर्शाता है। यह कारक उस व्यक्ति, वस्तु, या प्राणी को निर्दिष्ट करता है जो किसी क्रिया को कर रहा होता है। कर्ता कारक वाक्य में यह दर्शाता है कि क्रिया कौन कर रहा है, और इसके लिए विभक्ति चिन्ह ‘ने’ का उपयोग किया जाता है।

कर्ता कारक के उदाहरण

यहाँ कर्ता कारक के कुछ उदाहरण दिए गए हैं, जो दर्शाते हैं कि वाक्य में क्रिया का मुख्य कारक कौन है:

वाक्यकर्ता कारकक्रिया
राम ने खाना खाया।रामखाना खाया
सिमा ने पत्र लिखा।सिमापत्र लिखा
माँ ने सब्जी पकाई।माँसब्जी पकाई
शिव ने गाना गाया।शिवगाना गाया
सुरेश ने खेल खेला।सुरेशखेल खेला
प्रियंका ने चित्र बनाया।प्रियंकाचित्र बनाया
राहुल ने किताब पढ़ी।राहुलकिताब पढ़ी

कर्म कारक -Karm Karak

कर्म कारक (Karm Karak) हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण तत्व है जो वाक्य में क्रिया का उस तत्व को दर्शाता है जिस पर क्रिया हो रही है। इसे कर्म भी कहा जाता है। कर्म कारक वाक्य में यह बताता है कि क्रिया का प्रभाव किस पर पड़ रहा है या किस वस्तु या व्यक्ति पर क्रिया की जा रही है।

कर्म कारक के उदाहरण

वाक्यकर्म कारकक्रिया
राम ने किताब पढ़ी।किताबपढ़ी
सीमा ने पत्र लिखा।पत्रलिखा
माँ ने सब्जी पकाई।सब्जीपकाई
सुरेश ने खेल खेला।खेलखेला
प्रियंका ने चित्र बनाया।चित्रबनाया
राहुल ने गीत गाया।गीतगाया

करण कारक – Karan Karak

करण कारक (Karan Karak) हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण तत्व है जो वाक्य में क्रिया के लिए उपयोग किए गए साधन, कारण, या उपकरण को दर्शाता है। इसे करण भी कहा जाता है। करण कारक वाक्य में यह बताता है कि किसी क्रिया को करने के लिए कौन सा साधन, कारण, या तरीका इस्तेमाल किया गया है।

करण कारक के उदाहरण

वाक्यकरण कारकक्रिया
सोनू ने कलम से लिखा।कलमलिखा
राहुल ने कागज से नाव बनाई।कागजबनाई
सीमा ने आवाज से दरवाजा खोला।आवाजखोला
वह चाबी से ताले को खोले।चाबीखोला
राम ने आवाज से सबको जगाया।आवाजजगाया

सम्प्रदान कारक – Sampradan Karak

सम्प्रदान कारक (Sampradan Karak) हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण तत्व है जो वाक्य में उस व्यक्ति या वस्तु को दर्शाता है जिसे क्रिया का लाभ मिल रहा है या जिसे क्रिया के परिणामस्वरूप कुछ प्राप्त होता है। इसे संप्रदान भी कहा जाता है। यह कारक बताता है कि क्रिया किसे की जा रही है या किसके लिए की जा रही है।

सम्प्रदान कारक के उदाहरण

वाक्यसम्प्रदान कारकक्रिया
मैंने उसे एक उपहार दिया।उसेदिया
सीमा ने राम को एक किताब दी।रामदी
राहुल ने मित्र को पत्र लिखा।मित्रलिखा
माँ ने बच्चों को मिठाई खिलाई।बच्चोंखिलाई
शिव ने पत्नी को फूल भेंट किए।पत्नीभेंट किए

अपादान कारक – Apadan karak

अपादान कारक (Apadan Karak) हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण कारक है जो वाक्य में उस व्यक्ति, वस्तु, या स्थान को दर्शाता है जिससे कुछ अलग हो रहा है या दूर हो रहा है। इसे अलगाव या वियोग भी कहा जाता है। अपादान कारक वाक्य में यह स्पष्ट करता है कि क्रिया के दौरान किसी वस्तु या व्यक्ति से अलगाव, वियोग, या दूरी का संबंध है।

अपादान कारक के उदाहरण

वाक्यअपादान कारकक्रिया
वह घर से बाहर गया।घरबाहर गया
सीमा ने कागज को मेज से हटाया।मेजहटाया
राम ने बगीचे से फूल तोड़े।बगीचातोड़े
राहुल ने किताब को अलमारी से निकाला।अलमारीनिकाली
हम नदी से दूर चले गए।नदीदूर चले गए

सम्बन्ध कारक -Sambhndh Karak

सम्बन्ध कारक (Sambandh Karak) हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण तत्व है जो वाक्य में किसी संज्ञा या सर्वनाम के बीच संबंध को दर्शाता है। यह कारक यह बताता है कि वाक्य में एक संज्ञा या सर्वनाम अन्य संज्ञा या सर्वनाम से किस प्रकार जुड़ा हुआ है या उसका संबंध क्या है।

सम्बन्ध कारक के उदाहरण

वाक्यसम्बन्ध कारकविवरण
राम का घर सुंदर है।रामघर के साथ संबंध दर्शाता है
यह किताब उसकी है।उसकीकिताब के साथ संबंध दर्शाता है
सीमा का दोस्त बहुत अच्छा है।सीमादोस्त के साथ संबंध दर्शाता है
उसके बगीचे की फूल बहुत सुंदर हैं।बगीचाफूल के साथ संबंध दर्शाता है
राहुल के पिता एक शिक्षक हैं।राहुलपिता के साथ संबंध दर्शाता है

अधिकरण कारक – Adhikaran Karak

अधिकरण कारक (Adhikaran Karak) हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण तत्व है जो वाक्य में उस स्थान, समय, या स्थिति को दर्शाता है जहाँ क्रिया घटित हो रही है। यह कारक वाक्य में यह स्पष्ट करता है कि क्रिया किस स्थान पर, किस समय पर, या किस स्थिति में की जा रही है।

अधिकरण कारक के उदाहरण

वाक्यअधिकरण कारकविवरण
वह स्कूल में है।स्कूलस्थान जहाँ वह है
हम पार्क में खेल रहे हैं।पार्कस्थान जहाँ खेला जा रहा है
रात को वह सोया।रातसमय जब सोया
गाड़ी सड़क पर चल रही है।सड़कस्थान जहाँ गाड़ी चल रही है
सीमा घर के बाहर खड़ी है।घर के बाहरस्थान जहाँ सीमा खड़ी है

सम्बोधन कारक – Sanbodhan karak

सम्बोधन कारक (Sanbodhan Karak) हिंदी व्याकरण का एक विशेष तत्व है जो वाक्य में किसी व्यक्ति, वस्तु, या समूह को सीधे संबोधित करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह कारक वाक्य में किसी को पुकारने, आह्वान करने या ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रयुक्त होता है।

सम्बोधन कारक के उदाहरण

वाक्यसम्बोधन कारकविवरण
हे भगवान! मुझे शक्ति दो।भगवानसंबोधित करने वाला व्यक्ति
ओ मेरे मित्र, तुम कैसे हो?मेरे मित्रसंबोधित करने वाला व्यक्ति
हे माँ, मुझे मार्गदर्शन दो।माँसंबोधित करने वाला व्यक्ति
अरे भाई, ध्यान दो।भाईसंबोधित करने वाला व्यक्ति
प्रिय अध्यापक, कृपया मेरी मदद करें।अध्यापकसंबोधित करने वाला व्यक्ति

कर्म और सम्प्रदान कारक में अंतर

इन दोनों कारकों में ‘को’ विभक्ति का प्रयोग होता है, लेकिन इनके उपयोग के संदर्भ में अंतर होता है:

कर्म कारक: इसमें क्रिया का प्रभाव जिस पर पड़ रहा है, उसे कर्म कारक कहा जाता है। यह दर्शाता है कि क्रिया किस वस्तु या व्यक्ति पर की जा रही है। 

उदाहरण के रूप में:

  • मोहन ने साँप को मारा। (साँप वह वस्तु है जिस पर क्रिया ‘मारना’ हो रही है।)
  • राजू ने रोगी को दवाई दी। (दवाई वह वस्तु है जिसे ‘दी’ जा रही है।)

सम्प्रदान कारक: इसमें क्रिया का लाभ या प्राप्तकर्ता को दर्शाया जाता है। यह दर्शाता है कि क्रिया किसे की जा रही है या किसके लिए की जा रही है। 

उदाहरण के रूप में: 

  • विकास ने सोहन को आम खिलाया। (सोहन वह व्यक्ति है जिसे आम ‘खिलाया’ गया।)
  • स्वास्थ्य के लिए सूर्य को नमस्कार करो। (सूर्य वह व्यक्ति है जिसे नमस्कार किया जा रहा है, इस वाक्य में ‘स्वास्थ्य के लिए’ उपकार के भाव को दर्शाता है।)

करण और अपादान कारक में अंतर

करण और अपादान कारक दोनों ही वाक्य में ‘से’ चिन्ह का प्रयोग करते हैं, लेकिन उनके अर्थ और उपयोग में भिन्नता होती है।

करण कारक:

  • उपयोग: ‘से’ का प्रयोग साधन या उपकरण को दर्शाने के लिए किया जाता है।
  • उद्देश्य: यह दर्शाता है कि क्रिया को पूरा करने के लिए कौन सा साधन या तरीका उपयोग किया गया है।
  • उदाहरण: सीमा ने कलम से लिखा। (कलम साधन है जिसका उपयोग लिखने के लिए किया गया)

अपादान कारक:

  • उपयोग: ‘से’ का प्रयोग अलगाव या दूरी दर्शाने के लिए किया जाता है।
  • उद्देश्य: यह दर्शाता है कि क्रिया के दौरान किसी वस्तु, स्थान, या व्यक्ति से दूरी या अलगाव हो रहा है।
  • उदाहरण: वह घर से बाहर गया। (घर से बाहर जाने का भाव दर्शाता है)

विभक्तियों का प्रयोग

हिंदी व्याकरण में विभक्तियों के प्रयोग की विधि निश्चित होती है।

  • विश्लिष्ट विभक्ति: संज्ञाओं के साथ जुड़ती हैं और संज्ञा के संदर्भ को स्पष्ट करती हैं।
  • संश्लिष्ट विभक्ति: सर्वनामों के साथ जुड़ती हैं और सर्वनाम के संदर्भ को स्पष्ट करती हैं।

विभक्तियों की प्रयोगिक विशेषताएं

  • संबंध स्पष्ट करना: विभक्तियाँ संज्ञा, सर्वनाम, या क्रिया के बीच संबंध को स्पष्ट करती हैं। ये दर्शाती हैं कि वाक्य में कौन सा तत्व किससे संबंधित है और क्रिया का प्रभाव किस पर पड़ रहा है।
  • वाक्य की संरचना में सहारा: विभक्तियाँ वाक्य की संरचना को व्यवस्थित करती हैं और वाक्य के हिस्सों के बीच उचित संबंध स्थापित करती हैं।
  • क्रिया के संदर्भ को प्रकट करना: विभक्तियाँ क्रिया के प्रकार और उसकी प्रक्रिया के संदर्भ को प्रकट करती हैं, जैसे कि साधन, स्थान, समय, आदि।
  • संज्ञा और सर्वनाम के प्रयोग को निर्देशित करना: संज्ञा और सर्वनाम के विभिन्न रूपों के साथ विभक्तियाँ मिलकर उनके सही उपयोग को निर्देशित करती हैं।
  • अलगाव और दूरी को दर्शाना: कुछ विभक्तियाँ क्रिया के दौरान किसी वस्तु, स्थान, या व्यक्ति से दूरी या अलगाव को दर्शाती हैं।
  • लाभार्थी और प्राप्तकर्ता की पहचान: विभक्तियाँ क्रिया के लाभार्थी या प्राप्तकर्ता की पहचान करती हैं, यह दर्शाते हुए कि क्रिया का लाभ किसे मिल रहा है।
  • स्थान और समय की जानकारी प्रदान करना: विभक्तियाँ स्थान और समय के संदर्भ को स्पष्ट करती हैं, जिससे वाक्य में क्रिया की स्थिति और समय की जानकारी प्राप्त होती है।

विभिन्न भाषाओं में कारकों की संख्या

विभिन्न भाषाओं में Karak की संख्या नीचे दी गई है-

भाषाकारकों की संख्या
हंगेरियन29
फिनिश15
बास्क1000
असमिया8
चेचन8
संस्कृत8
क्रोएशियन7
पोलिश7
यूक्रेनी7
लैटिन6
स्लोवाकी6
रूसी6
बेलारूसी7
ग्रीक5
रोमानियन5
आधुनिक ग्रीक4
बुल्गारियन4
जर्मन4
अंग्रेजी3
अरबी3
नार्वेजी2
प्राकृत6

कारक से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

हिंदी में ‘कर्ता कारक’ को किस विभक्ति से व्यक्त किया जाता है?

a) ने
b) को
c) से
d) के लिए

2. ‘कर्म कारक’ किस विभक्ति से प्रकट होता है?

a) में
b) को
c) का
d) से

3. ‘करण कारक’ में कौन सा विभक्ति चिन्ह प्रयोग होता है?

a) से
b) में
c) को
d) के लिए

4. ‘सम्प्रदान कारक’ किस विभक्ति द्वारा दर्शाया जाता है?

a) को
b) से
c) के लिए
d) में

5. ‘अपादान कारक’ में कौन सा विभक्ति चिन्ह प्रयुक्त होता है?

a) से
b) को
c) का
d) के लिए

6. ‘सम्बन्ध कारक’ को हिंदी में किस विभक्ति चिन्ह द्वारा प्रकट किया जाता है?

a) का, के, की
b) में
c) को
d) से

7. ‘अधिकरण कारक’ किस विभक्ति चिन्ह के साथ आता है?

a) में, पर
b) को
c) के लिए
d) से

8. निम्नलिखित में से कौन सा वाक्य ‘कर्ता कारक’ का सही उदाहरण है?

a) राम ने खाना खाया।
b) सुमित को किताब दी।
c) सूरज से धूप आई।
d) वह अस्पताल में गया।

9. ‘कर्म कारक’ का सही उपयोग किस वाक्य में है?

a) वह घर से बाहर आया।
b) मैंने उसे देखा।
c) सूर्य के लिए नमस्कार करो।
d) हमें स्कूल में मिलना है।

10. निम्नलिखित में से कौन सा वाक्य ‘अपादान कारक’ का सही उदाहरण है?

a) बच्चा घर से बाहर गया।
b) उसने मुझे उपहार दिया।
c) सुमित ने सूरज को देखा।
d) वह पुस्तक के लिए आया।

उत्तर:

a) ने
b) को
a) से
c) के लिए
a) से
a) का, के, की
a) में, पर
a) राम ने खाना खाया।
b) मैंने उसे देखा।
a) बच्चा घर से बाहर गया।

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