भाववाचक संज्ञा वे संज्ञाएँ होती हैं जो किसी प्राणी या पदार्थ के गुण, भाव, स्वभाव, या अवस्था का बोध कराती हैं। ये संज्ञाएँ अमूर्त होती हैं और किसी भावना या स्थिति का प्रतिनिधित्व करती हैं।
भाववाचक संज्ञा के उदाहरण:
- मिठास (मीठेपन का गुण)
- बुढ़ापा (उम्र की अवस्था)
- गरीबी (आर्थिक स्थिति)
- आजादी (स्वतंत्रता की स्थिति)
- साहस (साहसिकता का गुण)
- वीरता (वीरता का गुण)
- अच्छाई (अच्छे गुण का बोध)
- बुराई (बुरे गुण का बोध)
- गुस्सा (क्रोध की भावना)
- हंसना (हंसी की क्रिया का भाव)
- मोटापा (मोटेपन की स्थिति)
- सर्दी (ठंडक की अवस्था)
- गर्मी (गर्मी की अवस्था)
भाववाचक संज्ञा के कुछ उदाहरण
भाववाचक संज्ञा वे संज्ञाएँ होती हैं जो किसी गुण, अवस्था, या भाव को व्यक्त करती हैं। यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं:
- ममता – माँ का ममता दिखाना।
- सुंदरता – प्रकृति की सुंदरता।
- क्रोध – क्रोध पर नियंत्रण रखना।
- प्रेम – प्रेम एक अनमोल भावना है।
- साहस – साहस से हर मुश्किल का सामना किया जा सकता है।
- ज्ञान – शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ज्ञान प्राप्त करना है।
- धैर्य – धैर्य से काम करने वाला सफल होता है।
- शांति – शांति का महत्व जीवन में बहुत अधिक है।
- स्नेह – स्नेह से संबंध मजबूत होते हैं।
- आशा – आशा के बिना जीवन निराशाजनक होता है।
भाववाचक संज्ञा के भेद
भाववाचक संज्ञा के भेद निम्नलिखित हैं:
- समुदायवाचक संज्ञा: यह संज्ञा व्यक्तियों या वस्तुओं के समूह का बोध कराती है, जैसे भीड़, कक्षा, झुंड, फौज, आदि।
- द्रव्यवाचक संज्ञा: यह संज्ञा उन वस्तुओं या पदार्थों को व्यक्त करती है जिन्हें तौला या मापा जा सकता है, जैसे सोना, दूध, तेल, चावल, चीनी, आदि।
समुदायवाचक संज्ञा
समुदायवाचक संज्ञा उन संज्ञाओं को कहते हैं जो व्यक्तियों, जानवरों, या वस्तुओं के समूह का बोध कराती हैं। ये संज्ञाएँ एक समुदाय या समूह को एक इकाई के रूप में व्यक्त करती हैं।
उदाहरण:
- कक्षा – छात्रों का समूह
- भीड़ – लोगों का समूह
- टोला – मकानों का समूह
- फौज – सैनिकों का समूह
- झुंड – पशुओं का समूह
- कुटुंब – परिवार का समूह
- दल – पक्षियों का समूह
- टोली – दोस्तों या साथियों का समूह
द्रव्यवाचक संज्ञा
द्रव्यवाचक संज्ञा उन संज्ञाओं को कहते हैं जो किसी द्रव्य या पदार्थ का बोध कराती हैं। इनका उपयोग उन वस्तुओं या पदार्थों के लिए किया जाता है जिन्हें तौला, मापा, या गिना जा सकता है, लेकिन जिनका कोई निश्चित आकार या रूप नहीं होता।
उदाहरण:
- सोना – एक धातु
- चांदी – एक धातु
- दूध – एक तरल पदार्थ
- पानी – एक तरल पदार्थ
- तेल – एक तरल द्रव्य
- चीनी – एक मीठा पदार्थ
- नमक – एक खारा पदार्थ
- आटा – एक अनाज का चूर्ण
- चावल – एक अन्न
भाववाचक संज्ञा के नियम
भाववाचक संज्ञा के नियमों के अनुसार, जातिवाचक संज्ञा, क्रिया, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, और अव्यय में कुछ विशेष वर्ण जोड़कर उन्हें भाववाचक संज्ञा में परिवर्तित किया जा सकता है। इनमें सामान्यतः “ता”, “आस”, “पा”, “अ”, “पन”, “ई”, “आव”, “वट”, “य”, “हट”, “त्व” आदि प्रत्यय जोड़े जाते हैं।
जातिवाचक से भाववाचक बनाना
जातिवाचक संज्ञा | भाववाचक संज्ञा |
राजा | राजत्व |
मित्र | मित्रता |
गुरु | गुरुत्व |
योद्धा | योद्धापन |
बालक | बाल्यावस्था |
सेवक | सेवकत्व |
विद्यार्थी | विद्यार्थीत्व |
मनुष्य | मानवता |
विद्वान | विद्वत्ता |
गरीब | गरीबी |
अमीर | अमीरी |
सज्जन | सज्जनता |
वीर | वीरता |
नायक | नायकत्व |
लेखक | लेखकत्व |
ज्ञानी | ज्ञान |
दानी | दान |
न्यायाधीश | न्याय |
शिक्षक | शिक्षण |
अधिकारी | अधिकार |
स्त्री | स्त्रित्व |
पुरूष | पुरुषत्व |
बच्चा | बचपन |
बुजुर्ग | बुजुर्गियत |
विद्वान | विद्वता |
सेनानी | सैन्यत्व |
सेवक | सेवकत्व |
कलाकार | कलाकारिता |
नेता | नेतृत्त्व |
कलाकार | कलात्मकता |
सर्वनाम से भाववाचक बनाना
सर्वनाम | भाववाचक संज्ञा |
तुम | तुम्हारापन |
वह | वहापन |
मैं | मैंपन |
ये | येपन |
यह | यहापन |
वे | वेपन |
हम | हमपन |
कोई | कोईपन |
किसी | किसीपन |
उसका | उसकीपन |
उनकी | उनकीपन |
हमारे | हमारेपन |
तुम्हारा | तुम्हारापन |
हमारा | हमारेपन |
तुम्हारी | तुम्हारीपन |
हमारी | हमारीपन |
आपके | आपकेपन |
इसका | इसकाापन |
उसकी | उसकीपन |
उनके | उनकेपन |
उनका | उनकाापन |
क्रिया से भाववाचक बनाना
क्रिया | भाववाचक संज्ञा |
चलना | चलन |
बोलना | बोलन |
खाना | खानापन |
पढ़ना | पढ़ाई |
लिखना | लेखन |
खेलना | खेल |
समझना | समझ |
देखना | देखन |
सुनना | सुनन |
समझाना | समझाना |
काम करना | कामकाजी |
गाना | गान |
उठाना | उठान |
गिरना | गिरन |
सुनाना | सुनान |
जोड़ना | जोड़न |
काटना | काटन |
गिनना | गिनन |
लिखाना | लिखान |
खेलाना | खेलान |
सजाना | सजान |
बनाना | बनान |
धोना | धोना |
सीना | सीन |
बैठना | बैठन |
चलाना | चलान |
छिपाना | छिपान |
उधार लेना | उधारी |
देने | देना |
विशेषण से भाववाचक बनाना
विशेषण | भाववाचक संज्ञा |
सुंदर | सुंदरता |
दयालु | दयालुता |
बुद्धिमान | बुद्धिमत्ता |
साहसी | साहस |
सच्चा | सच्चाई |
मजबूत | मजबूती |
ईमानदार | ईमानदारी |
शक्तिशाली | शक्ति |
परिश्रमी | परिश्रम |
रचनात्मक | रचनात्मकता |
कुशल | कुशलता |
धार्मिक | धार्मिकता |
शांत | शांति |
रंगीन | रंगीनता |
चतुर | चतुरता |
सजीव | सजीवता |
प्रेरणादायक | प्रेरणा |
सरल | सरलता |
विद्वान | विद्वत्ता |
असामान्य | असामान्यता |
उत्साही | उत्साह |
परिपक्व | परिपक्वता |
संवेदनशील | संवेदनशीलता |
आदर्श | आदर्शता |
भव्य | भव्यता |
कुशल | कुशलता |
प्यारा | प्यारेपन |
अव्यय से भाववाचक बनाना
अव्यय | भाववाचक संज्ञा |
बिना | बिनापन |
पर | परत्व |
से | सेपन |
लिए | लिएपन |
तक | तकपन |
साथ | साथपन |
केवल | केवलियत |
जैसे | जैसेपन |
और | औरपन |
नहीं | नपन |
अगर | अगरापन |
तब | तबपन |
या | या पन |
जब | जबपन |
अगर | अगरापन |
बहुत | बहुतापन |
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FAQ
भाववाचक संज्ञा क्या है?
भाववाचक संज्ञा वे संज्ञाएँ होती हैं जो किसी गुण, अवस्था, या भाव को व्यक्त करती हैं। ये संज्ञाएँ अमूर्त होती हैं और इन्हें देखा या छुआ नहीं जा सकता, लेकिन इनका अनुभव किया जा सकता है।
भाववाचक संज्ञा के उदाहरण क्या हैं?
भाववाचक संज्ञा के उदाहरण में सुंदरता, सच्चाई, प्रेम, बुद्धिमत्ता, दयालुता, और ताकत शामिल हैं।
भाववाचक संज्ञा कैसे बनाई जाती है?
भाववाचक संज्ञा सामान्यतः विशेषण, क्रिया, और अन्य संज्ञाओं में प्रत्यय जोड़कर बनाई जाती है। उदाहरण के लिए, सुंदर + ता = सुंदरता।
भाववाचक संज्ञा के मुख्य प्रत्यय कौन-कौन से हैं?
भाववाचक संज्ञा के मुख्य प्रत्यय में “-ता”, “-पन”, “-त्व”, “-ई”, “-त्वा”, “-पन”, “-आव” शामिल हैं।
सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा कैसे बनाई जाती है?
सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाने के लिए सर्वनाम में प्रत्यय जोड़कर भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं। जैसे, “तुम” से “तुम्हारापन”, “वह” से “वहापन”।
क्रिया से भाववाचक संज्ञा कैसे बनाई जाती है?
क्रिया से भाववाचक संज्ञा बनाने के लिए क्रिया के अंत में प्रत्यय जोड़कर भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं। जैसे, “चलना” से “चलन”, “खाना” से “खानापन”।
विशेषण से भाववाचक संज्ञा कैसे बनाई जाती है?
विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाने के लिए विशेषण के अंत में प्रत्यय जोड़कर भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं। जैसे, “सुंदर” से “सुंदरता”, “दयालु” से “दयालुता”।
अव्यय से भाववाचक संज्ञा कैसे बनाई जाती है?
अव्यय से भाववाचक संज्ञा बनाने के लिए अव्यय के अंत में प्रत्यय जोड़कर भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं। जैसे, “बिना” से “बिनापन”, “पर” से “परत्व”।
भाववाचक संज्ञा का प्रयोग वाक्य में कैसे किया जाता है?
भाववाचक संज्ञा का प्रयोग वाक्य में गुण, भाव, या स्थिति को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। उदाहरण: “उसकी सुंदरता सभी को प्रभावित करती है।”
क्या सभी भाववाचक संज्ञाएँ अमूर्त होती हैं?
हां, भाववाचक संज्ञाएँ अमूर्त होती हैं क्योंकि ये किसी गुण, भाव, या अवस्था को व्यक्त करती हैं जिन्हें सीधे देखा या छुआ नहीं जा सकता, लेकिन अनुभव किया जा सकता है।