विद्यार्थी जीवन में ज्ञान की महत्वपूर्णता को समझते हुए, किसी भी भाषा का गहन ज्ञान आवश्यक है। हिंदी व्याकरण में “शब्द” और “पद” की महत्ता को समझना अनिवार्य है। शब्द एक या अधिक वर्णों के मिलन से बने सार्थक समूह होते हैं। दूसरे शब्दों में, शब्द वर्णों के मेल से निर्मित होते हैं। “शब्द” और “पद” की मूल बातें छोटी कक्षाओं से पढ़ाई जाती हैं, क्योंकि ये हिंदी व्याकरण का महत्वपूर्ण विषय हैं। इस ब्लॉग में, उदाहरणों के साथ शब्द और पद के बारे में गहराई से जानने के लिए अंत तक पढ़ें।
शब्द किसे कहते हैं?
शब्द उन ध्वनियों या वर्णों के समूह को कहते हैं, जो किसी विशेष अर्थ को व्यक्त करते हैं। ये वर्ण या ध्वनियाँ जब एक साथ आकर कोई सार्थक अर्थ प्रदान करती हैं और स्वतंत्र रूप से वाक्य में प्रयुक्त हो सकती हैं, तो उसे शब्द कहा जाता है।
उदाहरण के लिए –
- प + र + व + त = परवत
- न + ल = नल
- स + ू + र + ज = सूरज
- च + ि + ड़ + ि + या = चिड़िया
पद किसे कहते हैं?
पद उस शब्द को कहते हैं जो किसी वाक्य में सार्थक रूप से प्रयुक्त हो और उसके साथ अन्य व्याकरणिक तत्व जैसे कि लिंग, वचन, पुरुष आदि जुड़कर उसे वाक्य के भीतर एक निश्चित भूमिका में प्रस्तुत करें। सरल शब्दों में कहें तो जब कोई शब्द वाक्य में स्थान लेता है और उसका व्याकरणिक रूप बदलता है, तो उसे पद कहा जाता है।
उदाहरण के लिए –
- राजू किताब पढ़ता है – इस वाक्य में तीन पद हैं, जैसे – राजू, किताब, और पढ़ता
- बच्चे बाग में खेलते हैं – इस वाक्य में चार पद हैं, जैसे – बच्चे, बाग, में, और खेलते
- माँ खाना बना रही है – इस वाक्य में चार पद हैं, जैसे – माँ, खाना, बना, और रही
- राम और मोहन स्कूल जाते हैं – इस वाक्य में पाँच पद हैं, जैसे – राम, और, मोहन, स्कूल, और जाते
शब्दों के भेद
भेद का मतलब है कि शब्दों को उनके विभिन्न गुणों, उत्पत्ति, बनावट, प्रयोग, और अर्थ के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। हिंदी भाषा में शब्दों के अलग-अलग स्रोत होते हैं, जैसे संस्कृत, उर्दू, अंग्रेज़ी आदि, जिनकी वजह से शब्दों का रूप और ध्वनि बदल जाती है।
शब्दों के भेद चार प्रमुख आधारों पर किए जाते हैं:
1. उत्पत्ति के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण
2. बनावट के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण
3. प्रयोग के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण
4. अर्थ के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण
उत्पत्ति के आधार पर
उत्पत्ति के आधार पर शब्दों को चार वर्गों में बाँटा जाता है:
1. तत्सम शब्द:
तत्सम शब्द वे होते हैं जो संस्कृत भाषा से बिना किसी परिवर्तन के लिए गए हैं या जिनमें संस्कृत के मूल शब्दों से ही संस्कृत के प्रत्यय लगाकर नया निर्माण किया गया है। “तत्सम” शब्द का अर्थ होता है “संस्कृत के अनुसार”। ये शब्द पूर्णतः संस्कृत के रूप में होते हैं और हिंदी में भी उसी रूप में प्रयोग किए जाते हैं।
उदाहरण:
- अग्नि
- सूर्य
- जल
- वायु
- गृह
- बालक
इन शब्दों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है और ये सीधे संस्कृत से लिए गए हैं।
2. तद्भव शब्द:
तद्भव शब्द वे होते हैं जो संस्कृत के मूल शब्दों का थोड़ा-बहुत रूप बदलकर हिंदी में प्रचलित हुए हैं। इन शब्दों की उत्पत्ति संस्कृत से हुई है, लेकिन समय के साथ इनके उच्चारण और रूप में बदलाव आ गया है।
उदाहरण:
- अग्नि → आग
- वायु → हवा
- मुख → मुँह
- पाद → पैर
- बालक → बच्चा
3. देशज शब्द:
देशज शब्द वे होते हैं जो किसी भारतीय भाषा से उत्पन्न हुए हैं, लेकिन इनका संबंध सीधे संस्कृत से नहीं होता। ये शब्द स्थानीय भाषाओं या बोलियों से लिए गए होते हैं और इनका कोई समान रूप संस्कृत में नहीं होता।
उदाहरण:
- चूल्हा
- पगड़ी
- खटिया
- लोटा
- चप्पल
4. विदेशज शब्द:
विदेशज शब्द वे होते हैं जो विदेशी भाषाओं से हिंदी में आए हैं। ये शब्द अंग्रेज़ी, फारसी, अरबी, तुर्की आदि भाषाओं से लेकर हिंदी में प्रचलित हो गए हैं।
उदाहरण:
- रेल (अंग्रेज़ी)
- कैमरा (अंग्रेज़ी)
- चीनी (चीनी भाषा)
- कचहरी (फारसी)
- बाज़ार (फारसी
यहाँ विभिन्न विदेशी भाषाओं से हिंदी में आए शब्दों के उदाहरण दिए गए हैं:
1. अरबी शब्द के उदाहरण:
- अदालत
- हकीकत
- ताला
- क़ायदा
- जमात
- हुकूमत
- ज़मानत
2. फारसी शब्द के उदाहरण:
- बाज़ार
- कचहरी
- दरवाज़ा
- मेहरबान
- गुलाब
- साहिल
- सरकार
3. अंग्रेज़ी शब्द के उदाहरण:
- ट्रेन
- स्कूल
- पुलिस
- बैंक
- टिकट
- डॉक्टर
- रेडियो
4. पुर्तगाली शब्द के उदाहरण:
- आलपिन (अलपिन)
- ताम्बाकू
- चाबी
- अंजीर
- पादरी
- पपीता
- अंबारी
5. चीनी शब्द के उदाहरण:
- चाय
- कागज़
- चंदन
- चीनी (शक्कर)
6. यूनानी शब्द के उदाहरण:
- डायरेक्टर
- टेलीफोन
- फोटोग्राफी
- साइकोलॉजी (मनोविज्ञान)
- टेलीग्राफ
7. जापानी शब्द के उदाहरण:
- रिक्शा
- त्सुनामी
- कमोनो
- सोशित्सु
8. फ्रांसीसी शब्द के उदाहरण:
- गिलोटिन
- बुलेवार
- कैफे
- गार्सन
- कार्टून
- ब्यौरो (bureau = कार्यालय)
बनावट या रचना के आधार पर
बनावट की भिन्नता के आधार पर शब्दों को तीन वर्गों में बाँटा गया है। इनमें से पहले वर्ग के तहत हम रूढ़ शब्द के बारे में चर्चा करेंगे:
1. रूढ़ शब्द:
रूढ़ शब्द वे होते हैं जिनके सार्थक खंड नहीं किए जा सकते हैं। ये शब्द लंबे समय से किसी विशेष अर्थ के लिए प्रयोग हो रहे हैं और इनका प्रयोग एक निश्चित संदर्भ में होता है। इन शब्दों का कोई स्वतंत्र या अलग अर्थ नहीं होता है और ये एक निश्चित अर्थ के लिए स्थापित हो जाते हैं।
उदाहरण:
- जलपान: खाने का विशेष प्रकार का समय।
- गुनगुनाना: धीरे-धीरे गाना या गुनगुनाना।
- लहराना: झिलमिलाना या हलकी-हलकी गति से चलना।
- चिंतन: गहन विचार करना या मनन करना।
- अवसर: किसी कार्य के लिए उपयुक्त समय।
- पलायन: अपने देश या स्थान को छोड़कर कहीं और जाना।
2. योगरूढ़ शब्द:
ये शब्द मूल रूप में अलग होते हैं, लेकिन प्रयोग में आकर विशेष अर्थ देते हैं। इनके खंड करके अर्थ निकालना संभव नहीं होता।
उदाहरण:
- गुनगुनाना (गुन + गुनाना)
- धनुर्वेद (धनु + वेद)
- भृंगराज (भृंग + राज)
3. यौगिक शब्द:
यौगिक शब्द वे होते हैं जो दो या दो से अधिक शब्दों को मिलाकर बनाए जाते हैं। ये शब्द अपने निर्माण के समय से ही अर्थ से भरे होते हैं और इसके भागों का अलग-अलग अर्थ हो सकता है।
उदाहरण:
- विद्यालय (विद्या + आलय)
- पुस्तकालय (पुस्तक + आलय)
- सूर्यकांत (सूर्य + कांत)
- संगीतकार (संगीत + कार)
प्रयोग के आधार पर
प्रयोग के आधार पर शब्दों को तीन प्रकार में विभाजित किया गया है। पहले प्रकार में सामान्य शब्द शामिल हैं:
1. सामान्य शब्द:
सामान्य शब्द वे होते हैं जिनका प्रयोग दैनिक जीवन में आमतौर पर किया जाता है। ये शब्द किसी विशेष वस्तु, व्यक्ति या स्थान का प्रतिनिधित्व नहीं करते, बल्कि सामान्य अर्थ में प्रयोग होते हैं। ये शब्द रोज़मर्रा की बातचीत, कार्य-व्यवहार और संचार में प्रयुक्त होते हैं।
उदाहरण:
- पानी: जीवन के लिए आवश्यक तरल।
- किताब: पढ़ने के लिए सामग्री।
- गाड़ी: परिवहन का साधन।
- घर: रहने का स्थान।
- खाना: भोजन।
- बच्चा: एक छोटे आयु का व्यक्ति।
2. विशेष शब्द:
विशेष शब्द वे होते हैं जो किसी विशेष व्यक्ति, स्थान, वस्तु या घटना का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये शब्द किसी विशेषता या विशिष्टता के साथ जुड़े होते हैं और इनके अर्थ में विशेषता होती है।
उदाहरण:
- गंगा: एक विशेष नदी।
- दिल्ली: एक विशेष शहर।
- राधा: एक विशेष व्यक्ति का नाम।
- भारत: एक विशेष देश।
3. संविधानिक शब्द:
संविधानिक शब्द वे होते हैं जो किसी विशेष परिप्रेक्ष्य में प्रयुक्त होते हैं, जैसे कि विधिक, प्रशासनिक या राजनीतिक संदर्भ में। ये शब्द अक्सर कानून, नीति या प्रक्रिया से संबंधित होते हैं।
उदाहरण:
- संविधान: देश का मूल कानूनी दस्तावेज।
- नियम: कोई निर्धारित विधि या प्रक्रिया।
- अधिकार: किसी को दी गई विशेष शक्ति या स्वीकृति।
- विधानसभा: विधायी कार्य के लिए चुनी गई सभा।
अर्थ के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण
अर्थ के आधार पर शब्दों को विभिन्न प्रकारों में विभाजित किया गया है। पहले प्रकार में निरर्थक शब्द शामिल होते हैं:
1. निरर्थक शब्द:
निरर्थक शब्द वे होते हैं जो अपने आप में कोई अर्थ नहीं रखते हैं। ये शब्द अन्य सार्थक शब्दों के पीछे लगकर उनका अर्थ बढ़ाते हैं या उन पर किसी विशेष अर्थ का प्रभाव डालते हैं। यह आमतौर पर केवल उच्चारण या संदर्भ में सहायक होते हैं।
उदाहरण:
- है: “वह वहां है।” (यहां ‘है’ का कोई विशेष अर्थ नहीं है, यह केवल वाक्य की स्थिति बताने में मदद करता है।)
- करना: “काम करना है।” (यह शब्द केवल क्रिया के रूप में है, इसका स्वतंत्र अर्थ नहीं है।)
- था: “वह वहाँ था।” (यह अतीत के समय को इंगित करता है, लेकिन स्वयं में कोई विशेष अर्थ नहीं है।)
- बना: “वह खेल बना।” (यह शब्द क्रिया को इंगित करता है, लेकिन अपने आप में कोई अर्थ नहीं है।)
- रहा: “वह पढ़ रहा है।” (यह क्रिया के क्रम को दिखाता है, लेकिन निरर्थक है।)
2. सार्थक शब्द:
ये शब्द स्वयं में अर्थपूर्ण होते हैं और किसी वस्तु, व्यक्ति, या भाव को व्यक्त करते हैं। ये शब्द संवाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उदाहरण:
- गाड़ी: परिवहन का साधन।
- पुस्तक: पढ़ने की सामग्री।
- बच्चा: युवा मानव।
3. अर्ध-सार्थक शब्द:
ये शब्द स्वतंत्र रूप से अर्थ रखते हैं, लेकिन उनका अर्थ किसी अन्य संदर्भ में बदल सकता है या सीमित होता है।
उदाहरण:
- लड़का: युवा पुरुष, लेकिन कभी-कभी ‘लड़का’ किसी अन्य अर्थ में भी प्रयोग किया जा सकता है।
- खेल: एक गतिविधि, लेकिन इसका संदर्भ खेल के प्रकार के अनुसार बदल सकता है।
पद के भेद
पद के भेदों को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। इनमें से चार प्रमुख प्रकार हैं:
1. संज्ञा-पदबंध
2. विशेषण-पदबंध
3. क्रिया-पदबंध
4. क्रिया विशेषण-पदबंध
Shabd aur Pad में अंतर
यहां “शब्द” और “पद” के बीच के अंतर को दर्शाने वाली एक तालिका प्रस्तुत है:
शब्द | पद |
वर्णों की स्वतंत्रता और सार्थक को शब्द कहते हैं। | वाक्य में प्रयुक्त शब्द को पद कहते हैं। |
शब्द का मात्रात्मक अर्थ परिचय के बारे में होता है। | पद का मात्रात्मक व्यवहारिक परिचय के बारे में होता है। |
सार्थक और निरर्थक दोनों प्रकार के शब्द होते हैं। | वाक्य के अर्थ को संकेत देने के लिए पद का उपयोग होता है। |
लिंग, वचन, क्रिया और कारक से शब्द का किसी भी प्रकार का संबंध नहीं होता। | लिंग, वचन, कारक और क्रिया से पद का संबंध होता है। |
शब्द पद कब बन जाता है?
शब्द पद कब बन जाता है?
शब्द तब ‘पद’ बन जाता है जब वह किसी वाक्य में प्रयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया में निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दिया जाता है:
- सार्थक शब्द का प्रयोग: जब कोई सार्थक शब्द वाक्य में इस्तेमाल होता है, तब वह ‘पद’ कहलाता है। जैसे, “राम घर जाता है।” यहाँ ‘राम’ और ‘घर’ दोनों ही शब्द हैं जो वाक्य में पद के रूप में कार्य कर रहे हैं।
- शब्द का रूप परिवर्तन: वाक्य में शब्द का रूप बदल जाता है। उदाहरण के लिए, “वह पढ़ता है।” यहाँ ‘पढ़ता’ शब्द क्रिया के रूप में कार्य करता है और यह शब्द ‘पद’ बन जाता है।
- वाक्य में स्थान: किसी वाक्य में एक या एक से अधिक शब्द मिलकर एक विचार या अर्थ व्यक्त करते हैं। जैसे, “सीता गाती है।” यहाँ ‘सीता’ और ‘गाती’ दोनों पद हैं।
- संबंध और भूमिका: पद का संबंध वाक्य में अन्य शब्दों से होता है, जैसे लिंग, वचन, और क्रिया। उदाहरण: “बच्चा खेलता है।” में ‘बच्चा’ और ‘खेलता’ दोनों पद हैं जो वाक्य की संरचना में अपनी भूमिका निभाते हैं।
Shabd aur Pad कक्षा 9 और 10 MCQ
शब्द किसे कहते हैं?
A) केवल संज्ञा
B) वर्णों का सार्थक समूह
C) केवल क्रिया
D) केवल विशेषण
उत्तर: B) वर्णों का सार्थक समूह
पद का प्रयोग वाक्य में किस रूप में होता है?
A) केवल संज्ञा
B) केवल क्रिया
C) वाक्य में प्रयुक्त शब्द
D) केवल विशेषण
उत्तर: C) वाक्य में प्रयुक्त शब्द
किस वाक्य में ‘पद’ की भूमिका स्पष्ट है?
A) वह गाता है।
B) गाना अच्छा है।
C) पेड़।
D) यह किताब है।
उत्तर: A) वह गाता है।
निम्नलिखित में से कौन सा शब्द ‘पद’ नहीं है?
A) राम
B) खेलता
C) सुंदरता
D) पानी
उत्तर: C) सुंदरता
शब्द और पद में मुख्य अंतर क्या है?
A) शब्द सार्थक होता है, जबकि पद निरर्थक होता है।
B) शब्द स्वतंत्र होता है, जबकि पद वाक्य में प्रयुक्त होता है।
C) पद का कोई अर्थ नहीं होता।
D) शब्द केवल संज्ञा होते हैं।
उत्तर: B) शब्द स्वतंत्र होता है, जबकि पद वाक्य में प्रयुक्त होता है।
‘सीता गाती है’ वाक्य में कितने पद हैं?
A) 1
B) 2
C) 3
D) 4
उत्तर: B) 2
किस प्रकार का शब्द ‘खुश’ है?
A) संज्ञा
B) विशेषण
C) क्रिया
D) अव्यय
उत्तर: B) विशेषण
निम्नलिखित वाक्य में ‘पद’ की पहचान करें: “वह पुस्तक पढ़ता है।”
A) पुस्तक
B) पढ़ता
C) वह
D) सभी विकल्प
उत्तर: D) सभी विकल्प
‘पद’ बनने के लिए एक शब्द को किस बात का ध्यान रखना चाहिए?
A) उसका लंबा होना
B) उसका वाक्य में प्रयोग होना
C) उसका स्वतंत्र होना
D) उसका उपयोग न होना
उत्तर: B) उसका वाक्य में प्रयोग होना
‘खेल’ और ‘खेलता’ में से कौन सा शब्द ‘पद’ नहीं बन सकता?
A) खेल
B) खेलता
C) दोनों बन सकते हैं
D) दोनों नहीं बन सकते हैं
उत्तर: A) खेल
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FAQs
शब्द क्या होता है?
शब्द वर्णों का एक सार्थक समूह होता है, जिसका स्वतंत्र रूप से उपयोग किया जा सकता है।
पद किसे कहते हैं?
जब किसी शब्द का प्रयोग वाक्य में किया जाता है, तो वह ‘पद’ कहलाता है। यह शब्द का एक विशेष रूप है जो वाक्य के अर्थ को स्पष्ट करता है।
शब्द और पद में क्या अंतर है?
शब्द स्वतंत्र रूप से प्रयोग किया जा सकता है, जबकि पद वह शब्द है जो वाक्य में किसी विशेष संदर्भ में प्रयोग होता है।
किस प्रकार के शब्द ‘तत्सम’ कहलाते हैं?
‘तत्सम’ शब्द वे होते हैं जो संस्कृत से अपरिवर्तित रूप में लिए गए हैं या संस्कृत के मूल शब्दों से नए रूप में बने हैं।
रूढ़ शब्द क्या होते हैं?
रूढ़ शब्द वे होते हैं जिनके सार्थक खंड नहीं किए जा सकते और जो लंबे समय से किसी विशेष अर्थ के लिए प्रयोग हो रहे हैं।
सामान्य शब्द का क्या अर्थ है?
सामान्य शब्द वे होते हैं जो दैनिक जीवन में आमतौर पर प्रयुक्त होते हैं, जैसे ‘घर’, ‘पानी’, ‘पेड़’ आदि।
पद के भेद क्या हैं?
पद के भेद निम्नलिखित हैं: संज्ञा-पदबंध, विशेषण-पदबंध, क्रिया-पदबंध, और क्रिया विशेषण-पदबंध।
शब्दों को किस आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है?
शब्दों को उत्पत्ति, बनावट, प्रयोग और अर्थ के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है।
किस वाक्य में शब्द ‘पद’ के रूप में कार्य करता है?
उदाहरण के लिए, “सीता गाती है।” यहाँ ‘सीता’ और ‘गाती’ दोनों ही पद हैं।
क्या निरर्थक शब्द होते हैं?
निरर्थक शब्द वे होते हैं जिनका कोई अर्थ नहीं होता और जो सार्थक शब्दों के पीछे लगकर उनका अर्थ-विस्तार करते हैं, जैसे ‘नहीं’, ‘बिल्कुल’ आदि।